सरकार के चेतावनी के बाद भी बड़े आंदोलन की तैयारी में नियोजित शिक्षक,20 मई को पटना में करेंगे हल्लाबोल
बिहार में आंदोलन पर नियोजित शिक्षकों को सरकार की चेतावनी का असर होता नहीं दिख रहा है. उल्टे बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी पत्र को वापस लेने की मांग की है. संघ के अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह एवं महासचिव शत्रुध्न प्रसाद सिंह ने कहा कि यह शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह का पत्र संविधान विरोधी आदेश है. इसे तात्कालिक प्रभाव से वापस किया जाये. संविधान के अनुच्छेद-19 में देश के प्रत्येक नागरिक को संगठन बनाने और अपने सदस्यों के हितों की रक्षा करने के लिए शांतिपूर्वक सत्याग्रह, धरना प्रदर्शन का मौलिक अधिकार है. वही बता दे कि बिहार सरकार ने हाल ही में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर नई नियमावली जारी किए थे। इसके साथ ही बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों को पटना में प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है। लेकिन नियोजित शिक्षक सरकार की चेतावनी को अनसुना कर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। नियोजित शिक्षकों का कहना है कि यदि सरकार शिक्षकों के विरुद्ध कोई नियमावली अथवा कानून बनाती है तो उसका विरोध करना भारत के सभी नागरिकों सहित शिक्षकों का भी मौलिक अधिकार है. शिक्षकों को डरा- धमकाकर उसके मौलिक अधिकार को नहीं छीना जा सकता है. सरकार तात्कालिक प्रभाव से संविधान विरोधी आदेश को वापस केर. 20 मई को प्रमंडलीय मुख्यालय में प्रदर्शन एवं 22 मई को जिला ‘मुख्यालय धरना और जुलाई में विधान मंडल के सामने प्रदर्शन करेंगे।