यूएई के साथ भारत ने कर लिए फायदे के समझौते,पाकिस्तान को लगा झटका!

सऊदी अरब ने जहां पाकिस्तान के साथ डिफेंस समझौता कर मध्य पूर्व से लेकर एशिया तक हलचल मचा दी है. वहीं अब भारत भी मिडिल ईस्ट के संयुक्त अरब अमीरात को साथ बड़ा सौदा करने की तैयारी में है. गुरुवार को भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इसको लेकर यूएई के विदेश मंत्री के साथ बैठक की.संयुक्त अरब अमीरात मिडिल ईस्ट का एक अहम देश है और वो इजराइल के साथ अब्राहम समझौता में भी शामिल है. हाल ही में दोहा में कतर के खिलाफ इजराइली अटैक को लेकर जो बैठक हुई थी, उसमें यूएई ने अपने यहां से कोई बड़ा लीडर नहीं भेजा था.पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने गुरुवार को एक डील किया.

इसके मुताबिक दोनों में से किसी एक देश पर अगर कोई अटैक करता है, तो उसे दूसरे देश पर हमला माना जाएगा. सऊदी ने कतर पर इजराइली अटैक के बाद यह समझौता किया है.इस सौदे से सऊदी को पाकिस्तान का परमाणु कवच मिल गया है. बदले में पाकिस्तान में सऊदी जमकर निवेश करेगा. फिलहाल, सऊदी की कोशिश पाकिस्तान रेलवे, हेल्थ और इनर्जी सेक्टर में इन्वेस्ट करने की है.सऊदी और पाकिस्तान के बीच जो डील हुआ है, उसमें भारत एक अहम कड़ी है. पाकिस्तान और भारत के बीच पुरानी दुश्मनी है. भारत ने कई मौकों पर पाकिस्तान के छद्म वॉर के बदले स्ट्राइक किया है. अब तक भारतीय अटैक को लेकर सऊदी न्यूट्रल रहा है.भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच अंतरिक्ष और समुद्री क्षेत्रों में निवेश को लेकर बातचीत हो रही है. दोनों पहले से ही उर्जा और टेक्नॉलोजी के क्षेत्र में मिलकर काम कर रहे हैं. अब अंतरिक्ष और समुद्री क्षेत्र में निवेश से दोनों के रिश्ते प्रगाढ़ होंगे.यूएई अंतरिक्ष और समुद्री क्षेत्र में काफी मजबूत स्थिति में है. मिडिल ईस्ट का पहला देश है, जिसके अंतरिक्ष को लेकर 100 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं. मंगल मिशन पर भी संयुक्त अरब अमीरात काम कर रहा है.इसी तरह दुबई का जबल अली पोर्ट अरब का सबसे बड़ा पोर्ट है. परशियन की खाड़ी से भी व्यापार करने में यूएई काफी मददगार साबित हो सकता है.