विनेश फोगाट ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी,बोली-मैं ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड कर रही हूं वापस

 विनेश फोगाट ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी,बोली-मैं ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड कर रही हूं वापस
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दिग्गज पहलवानों का भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध जारी है. इस बीच विनेश फोगाट ने अपने अवॉर्ड वापस करने का ऐलान किया है.फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा कि मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड वापस कर रही हूं. इस हालत में पहुंचाने के लिए ताकतवर का बहुत बहुत धन्यवाद. इस लेटर को उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर शेय़र किया. विनेश फोगाट के फैसलों पर साथी पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि निशब्द हूं. यह दिन किसी खिलाड़ी को न देखना पड़े. बता दें कि बजरंग पुनिया भी पद्मश्री अवॉर्ड वापस करने का ऐलान कर चुके हैं. इससे पहले साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का ऐलान किया था.मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हूँ।इस हालत में पहुँचाने के लिए ताकतवर का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 pic.twitter.com/KlhJzDPu9D— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) December 26, 2023विनेश फोगाट ने लिखा, ”माननीय प्रधानमंत्री, साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी है और बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है. आप तो देश के मुखिया हैं तो आप तक भी यह मामला पहुंचा होगा. मैं आपके घर की बेटी विनेश फोगाट हूं और पिछले एक साल से जिस हाल में हूं यह बताने के लिए आपको यह पत्र लिख रही हू.”फोगाट ने आगे लिखा कि मुझे याद है कि 2016 में जब साक्षी मलिक ओलंपिक में पदक जीतकर आई थी तो आपकी सरकार ने उन्हें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेसडर बनाया था।

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इसकी घोषणा हुई तो देश की हम सारी महिला खिलाड़ी खुश थीं और एक दूसरे को बधाई के संदेश भेज रही थी. आज जब साक्षी को कुश्ती छोड़नी पड़ी तो मुझे 2016 बार-बार याद आ रहा है. फोगाट ने सवाल किया कि क्या हम महिला खिलाड़ी सरकार के विज्ञापनों पर छपने के लिए ही बनी हैं. हमें उन विज्ञापनों पर छपने में कोई ऐतराज नहीं है क्योंकि उसमें लिखे नारे से ऐसा लगता है कि आपकी सरकार बेटियों के उत्थान के लिए गंभीर होकर काम करना चाहती है. मैंने ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना देखा था, लेकिन अब यह सपना भी धुंधला पड़ता जा रहा है. बस यही दुआ रहेगी कि आने वाली महिला खिलाड़ियों का यह सपना जरूर पूरा हो.उन्होंने कहा कि आप (पीएम मोदी) अपनी जिंदगी के सिर्फ 5 मिनट निकालकर उस आदमी के मीडिया में दिए गए बयानों को सुन लीजिए. आपको पता लग जाएगा कि उसने क्या- क्या किया है. उसने (बृजभूषण सिंह) महिला पहलवानों को असहज कर देने की बात सरेआम टीवी पर बोली है. फोगाट ने कहा कि कई बार इस सारे घटनाक्रम को भूल जाने का प्रयास भी किया, लेकिन इतना आसान नहीं है. सर जब मैं आपसे मिली तो यह सब आपको भी बताया था. हम न्याय के लिए पिछले एक साल से सड़कों पर रहे, लेकिन कोई हमारी सुध नहीं ले रहा. सर, हमारे मेडलों और अवार्डों को 15 रुपये का बताया जा रहा है, लेकिन ये मेडल हमें हमारी जान से भी प्यारे हैं. जब हम देश के लिए मेडल जीते थे तो सारे देश ने हमें अपना गौरव बताया. अब जब अपने न्याय के लिए आवाज उठाई तो हमें देशद्रोही बताया जा रहा है.फोगाट ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री मोदी मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि क्या हम देशद्रोही हैं? हर महिला सम्मान से जिंदगी जीना चाहती है. इस कारण मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड आपको वापस करना चाहती हूं.दरअसल, गुरुवार (21 दिसंबर) को डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद के चुनाव में बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के बेहद करीबी संजय सिंह ने जीत हासिल की थी. इसके विरोध में शुक्रवार (22 दिसंबर) बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को पत्र लिखते हुए पद्मश्री लौटाने का ऐलान किया था.पूनिया ने पीएम मोदी से मिलने और उन्हें लेटर सौंपने के लिए संसद पहुंचने की कोशिश की तो दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने उन्हें कर्तव्य पथ पर रोक दिया. इसके बाद उन्होंने इसके बाद फुटपाथ पर पद्मश्री छोड़ दिया. रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने गुरुवार को टेबल पर अपने जूते रखकर संन्यास की घोषणा भावुक होते हुए कहा था, ‘‘हमने दिल से लड़ाई लड़ी, लेकिन बृजभूषण सिंह का करीबी सहयोगी डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया है तो मैं कुश्ती छोड़ती हूं.’’ हालांकि डब्ल्यूएफआई पर अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की जल्दी में घोषणा करने के आरोपों के बाद खेल मंत्रालय ने रविवार (24 दिसंबर) को इसे अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया था।

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