मोहन भागवत के बयान के समर्थन में उतरी सपा सांसद इकरा हसन,बोली-मैं पहली बार भागवत जी की बात से सहमत हूं

उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मंदिर- मस्जिद विवाद देखने को मिला. जिसकी शुरुवात संभल से हुई. इसके बाद मानों मंदिर तलाशने का सिलसिला शुरू हो गया. इसके बाद प्रशासन ने कई मंदिर तलाशे हैं. अब इसको लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान की चर्चा खूब हो रही है. भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद कुछ लोग ऐसे मुद्दों को उछालकर खुद को ‘हिंदुओं के नेता’ साबित करना चाहते हैं. अब इस बयान को लेकर उन्हें विपक्ष का साथ भी मिल रहा है.सांसद इकरा हसन ने कहा कि पहली बार मैं मोहन भागवत की बात से सहमत हूं. हालांकि इसकी शुरुवात वहीं से हुई है. इन सब बातों के कारण जो डेवलपमेंट के मुद्दे हैं वो कहीं न कहीं पिछड़ जाते हैं. भागवत जी की बात से मैं सहमत हूं.

अब बस उनकी पार्टी को भी सहमत होना चाहिए.इकरा हसन ने कहा कि हमारी भी यही कोशिश है कि समाज को जो तानाबाना है वो बना रहे, और आपसी भाईचारे के साथ हम सब लोग अपने देश की प्रगति के लिए काम करें. ऐसे मुद्दों पर काम करें जो जन-जन से जुड़ा हुआ है. जो धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश करते हैं उनको कोई तवज्जो न दी जाए.सांसद इकरा हसने ने कहा कि संघ के चीफ ने ये बात कही है तो भारतीय जनता पार्टी को मोहन भागवत की बात सुननी चाहिए, और आज के समय में हमें अपने देश की प्रगति के बारे में सोचना चाहिए.कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि कथनी और करनी फर्क नहीं होना चाहिए. सुझाव अच्छा है लेकिन ये राय उन लोगों को देना चाहिए, जो ये सब करते है कि संयम रखें और भारत के कानून पर भरोसा रखें और कानून की प्रणाली का पालन करें.समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि मोहन भागवत जी ने सही कहा है लेकिन उनकी बात मानता कौन है? यह ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि उनकी बात कोई नहीं मानता.संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कल यानी गुरुवार को पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान देश में सद्भावना की वकालत की और मंदिर-मस्जिद को लेकर शुरू हुए नए विवादों पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने हालिया विवादों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद ऐसे विवादों को उठाकर कुछ लोगों को लगता है कि वे हिंदुओं के नेता बन जाएंगे.