राज्यसभा में एनडीए गठबंधन हुई आत्मनिर्भर,फैसले लेने में अब मोदी सरकार को नहीं होगी दिक्कत!
राज्यसभा की 12 सीटों पर उपचुनाव में सभी उम्मीदवारों का निर्विरोध चुनाव हो गया है, जिसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए को 11 सीटों पर जीत हासिल हुई है. वहीं, कांग्रेस के खाते में एक सीट गई है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पकड़ राज्यसभा में मजबूत हुई है और उसका गठबंधन बहुमत तक पहुंच गया है. इतिहास में पहली बार है कि एनडीए राज्यसभा में आत्मनिर्भर हुई है, जिससे मोदी सरकार को बिल पास करवाने में आसानी होगी. आइए समझते हैं कैसे एनडीए बहुमत के आंकड़े तक पहुंचा।दरअसल में राज्यसभा की 12 सीटों में हुए चुनाव में बीजेपी के 9 और उसके सहयोगी दलों के 2 सदस्य निर्विरोध चुने गए. कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी तेलंगाना से राज्यसभा चुनाव जीते हैं. राजस्थान से बीजेपी रवनीत सिंह बिट्टू, हरियाणा से किरण चौधरी, मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन और बिहार से मनन कुमार मिश्रा निर्विरोध चुने गए हैं. वहीं, बिहार से एनडीए के सहयोगी और राष्ट्रीय लोक पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा विजय हुए हैं।
राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 245 है, जिसमें से आठ सीटें खाली हैं. इसमें 4 जम्मू-कश्मीर और चार मनोनीत सदस्य शामिल हैं. फिलहाल सदन में सदस्यों की संख्या 237 है. बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए 119 सदस्यों की जरूरत है।राज्यसभा में बीजेपी के 9 और उम्मीदवार जीतने के बाद उसकी उच्च में सदस्यों की संख्या 96 पहुंच गई है और उसके सहयोगी दलों के 16 सदस्य हैं. ऐसे में राज्यसभा में एनडीए की संख्या 112 हो गई है. हालांकि वह अभी संपूर्ण रूप से बहुमत तक नहीं पहुंची है, लेकिन 6 मनोनीत और एक निर्दलीय सदस्य के समर्थन से बहुमत का आंकड़ा छू लिया है. अब एनडीए को कोई जरूरी बिल पास कराने के लिए बीजेडी, YSR कांग्रेस, बीआरएस और AIADMK पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. उच्च सदन में बीजेपी के सहयोगी दलों में जेडी(यू), एनसीपी, जेडी(एस), आरपीआई(ए), शिवसेना, आरएलडी, आरएलएम, एनपीपी, पीएमके, तमिल मनीला कांग्रेस और यूपीपीएल शामिल हैं।