नायब सिंह सैनी ने लिया सीएम पद की शपथ,राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने दिलाई शपथ

 नायब सिंह सैनी ने लिया सीएम पद की शपथ,राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने दिलाई शपथ
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हरियाणा में नायब सिंह सैनी ने प्रदेश के नए मुख्यमंत्री की शपथ ले ली है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इससे पहले नायब सैनी को सर्वसम्मति से बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया। सैनी ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। सैनी को खट्टर का करीबी माना जाता है।इससे पहले मनोहर लाल खट्टर और उनकी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों ने मंगलवार को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को अपना इस्तीफा सौंप दिया। लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के गठबंधन में दरारें उभरने की अटकलों के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है। कैबिनेट में खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी के तीन मंत्रियों समेत 14 मंत्री शामिल थे। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखने वाले सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद हैं और पिछले साल अक्टूबर में ओम प्रकाश धनखड़ को हटाकर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इस बदलाव को ओबीसी समुदाय पर अपनी पकड़ मजबूत करने के भाजपा के प्रयास के तौर पर देखा गया था। राज्य में सबसे अधिक आबादी जाट समुदाय की है। माना जाता है कि इस समुदाय का वोट कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और इंडियन नेशनल लोकदल के बीच बंट जाता है। सैनी ने प्रदेश संगठन में कई पदों पर जिम्मेदारी संभाली है। वह भाजपा की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा में भी कई दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। साल 2012 में उन्हें भाजपा ने अंबाला इकाई का जिला अध्यक्ष बनाया था और फिर साल 2014 में वह नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। वह हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री भी रहे हैं। साल 2019 में वह कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए। बता दें कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले यह आश्चर्यजनक कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को हरियाणा में ही थे। गुरुग्राम में एक सरकारी कार्यक्रम में उन्होंने खट्टर की जमकर तारीफ की थी। तब किसी को यह अंदाजा नहीं था कि अगले ही दिन खट्टर को इस्तीफा देना पड़ जाएगा। फिलहाल 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा के 41, जबकि जजपा के 10 विधायक हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन को सात में से छह निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है। बहुमत के लिए 46 विधायकों की आवश्यकता है। जजपा का समर्थन न होने पर भी भाजपा सहज स्थिति में है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 30 विधायक हैं और इंडियन नेशनल लोकदल तथा हरियाणा लोकहित पार्टी का एक-एक विधायक है।

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