भारतीय कुश्ती की सदस्यता रद्द,वर्ल्ड रेसलिंग ने दिया सबसे बड़ा झटका

देश के पहलवानों को बड़ा झटका लगा है. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द कर दी है. डब्ल्यूएफआई की सदस्यता 45 दिन में चुनाव ना करवा पाने की वजह से रद्द हुई. भारतीय कुश्ती में पिछले कुछ महीनों से बवाल मचा हुआ है. विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया सहित कई पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसके बाद खेल मंत्रालय ने फेडरेशन के पदाधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था, जिसके बाद एडहॉक कमेटी फेडरेशन का काम संभाल रही थी. वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर चीनी के निर्यात को लेकर सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। भारत सरकार अक्टूबर में शुरू होने वाले चीनी के निर्यात पर बैन लगा सकती है। सरकार देश में मौजूद चीनी मिलों को आदेश दे सकती है कि वह चीनी का निर्यात ना करें। अगर सरकार ऐसा कोई फैसला लेती है तो आपको बता दें कि 7 साल पहले सरकार ने चीनी के निर्यात पर बैन लगाया था।इस साल बे-मौसम बारिश की वजह से गन्ने के पैदावर कम हुई है।
अगर वैश्विक चीनी बाजार में भारत का स्थान नहीं होता है तो न्यूयॉर्क और लंदन के बेंचमार्क पर सीधा असर पड़ेगा। न्यूयॉर्क और लंदन के बेंचमार्क की कीमतें बढ़ सकती है। आपको बता दें कि कई सालों से चीनी की कीमत उच्चतम स्तर पर था। चीनी के निर्यात पर बैन लगने की वजह से वैश्विक खाद्य बाजारों में महंगाई बढ़ सकती है।
हमारा प्राथमिक ध्यान स्थानीय चीनी आवश्यकताओं को पूरा करना है और बाकी के गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन करना है। अगर सरकार ने निर्यात पर पाबंदी नहीं लगाई तो आने वाले सीजन में हमारे पास पर्याप्त चीनी नहीं होगी। इस वजह से चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगानी पड़ सकती है।