ममता बनर्जी से लेकर राहुल गांधी तक,40 दिन में नौ विपक्षी नेताओं के साथ बैठक,बीजेपी के खिलाफ किलेबंदी में जुटे है नीतीश कुमार
 
            
      नीतीश कुमार विपक्षी एकता की मुहिम को तेज करने की कवायद में जुटे हुए हैं. पिछले चालीस दिनों में नीतीश कुमार 9 अलग-अलग राजनेताओं से मिले हैं जो बीजेपी विरोध की राजनीति के नाम पर एक साथ आ सकते हैं. रविवार की ताजा मुलाकात नीतीश कुमार की केजरीवाल से हुई है और इसके बाद केजरीवाल भी कांग्रेस के समर्थन की उम्मीद में नीतीश कुमार के साथ सुर में सुर मिलाने लगे हैं.दरअसल दिल्ली सरकार के खिलाफ लाए गए अध्यादेश के विरोध में आम आदमी पार्टी को कांग्रेस के मदद की दरकार है , जिसके लिए नीतीश कुमार अहम कड़ी साबित हुए हैं. 12 अप्रैल के बाद फिर से नीतीश कुमार की राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे से 21 मई की औपचारिक मुलाकात इसलिए भी अहम है क्योंकि नीतीश कुमार विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने से पहले कांग्रेस की रजामंदी बेहद जरूरी समझ रहे हैं. वही दुसरी तरफ बता दें कि इधर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयास तेज कर दिए हैं।इसी कड़ी में उन्होंने बीते दिनों एक बार फिर से नीतीश कुमार दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर पहुंचे हुए हैं,जहां अहम बैठक हुई, इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और बिहार सरकार में मंत्री संजय झा भी मौजूद हैं।2024 लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों ने भाजपा की बेचैनी को बढ़ा दिया है।
जिसके लिए नीतीश कुमार अहम कड़ी साबित हुए हैं. 12 अप्रैल के बाद फिर से नीतीश कुमार की राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे से 21 मई की औपचारिक मुलाकात इसलिए भी अहम है क्योंकि नीतीश कुमार विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने से पहले कांग्रेस की रजामंदी बेहद जरूरी समझ रहे हैं. वही दुसरी तरफ बता दें कि इधर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयास तेज कर दिए हैं।इसी कड़ी में उन्होंने बीते दिनों एक बार फिर से नीतीश कुमार दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर पहुंचे हुए हैं,जहां अहम बैठक हुई, इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और बिहार सरकार में मंत्री संजय झा भी मौजूद हैं।2024 लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों ने भाजपा की बेचैनी को बढ़ा दिया है। इसका सीधा उदाहरण 20 मई को कर्नाटक में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में देखा गया था। हालांकि इस समारोह में विपक्ष के 18 दलों के नेता एक मंच पर नजर आए थे और विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया गया था.
 इसका सीधा उदाहरण 20 मई को कर्नाटक में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में देखा गया था। हालांकि इस समारोह में विपक्ष के 18 दलों के नेता एक मंच पर नजर आए थे और विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया गया था.

 
       
                      
                     