अनुच्छेद 26 का हुआ उल्लंघन साथ हीं धर्म में दिया गया हस्तक्षेप, वक्फ़ कानून को लेकर सुनवाई के दौरान बोले कपिल सिब्बल

वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई हुई।सीजेआई ने कहा कि हम सभी को नहीं सुन सकते. इसलिए तय कर देंगे कि कौन बहस करेगा. हम एक एक कर नाम लेंगे. कोई भी दलील नहीं दोहराएगा. तमाम रिट याचिकाएं हैं और सभी ब्रीफ नोट तैयार करेंगे. दूसरा किन आधारों पर तर्क रखेंगे।वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि मैं वरिष्ठ हूं, मुझे मौका दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी डेकोरम बनाएं रखें. सीजेआई ने कहा दो सवाल हैं- क्या मामला हाईकोर्ट भेजें, आपके तर्कों के आधार क्या हैं. कपिल सिब्बल ने कहा कि यह कानून अनुच्छेद 26 का उल्लंघन करता है.सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि यह अनुच्छेद मूवेबल और इमूवेबल संपत्ति जो धर्म संबंद्धी है उनको संरक्षित करता है.सिब्बल ने कहा कि मैं मोटे तौर पर बता दूं कि चुनौती किस बारे में है. संसदीय कानून के माध्यम से जो करने की कोशिश की जा रही है, वह एक धर्म के आवश्यक और अभिन्न अंग में हस्तक्षेप करना है. मैं अनुच्छेद 26 का उल्लेख करता हूं और अधिनियम के कई प्रावधान अनुच्छेद 26 का उल्लंघन करते हैं.सिब्बल ने कहा कि वक्फ के मामले में पर्सनल लॉ लागू होता है और मैं ऐसे में किसी अन्य का अनुसरण क्यों करूंगा. सिब्बल ने कहा कि 2025 अधिनियम की धारा 3(आर) का संदर्भ देते हुए- वक्फ की परिभाषा देखिए।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनौती यह बिंदुवार बताई जानी चाहिए. सिब्बल ने कहा कि मैं धारा 3(आर) को चुनौती दे रहा हूं. आखिर मैं राज्य के अधीन क्यों रहूंगा, जबकि पर्सनल लॉ इस्लाम का है।सिब्बल ने कहा कि धारा 3(ए)(2)- वक्फ-अल-औलाद के गठन से महिलाओं को विरासत से वंचित नहीं किया जा सकता. इस बारे में कहने वाला राज्य कौन होता है?

सीजेआई ने कहा कि हिंदू में भी सरकार ने कानून बनाया है. संसद ने मुसलमानों के लिए भी कानून बनाया है।सीजेआई ने कहा कि अनुच्छेद 26 धर्मनिरपेक्ष है, सभी समुदायों पर लागू होता है. सिब्बल ने कहा कि इस्लाम में उत्तराधिकार मृत्यु के बाद मिलता है, वे उससे पहले ही हस्तक्षेप कर रहे हैं. इसके बाद धारा 3(सी) के तहत वक्फ के रूप में पहचानी गई या घोषित की गई सरकारी संपत्ति को अधिनियम के लागू होने के बाद वक्फ नहीं माना जाएगा।कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार और वक्फ के बीच विवाद में सरकारी अधिकारी निर्णय लेगा. यह सही नहीं है. सिब्बल ने कहा कि कानून की धारा 3(सी)(2)- वे घोषणा कर सकते हैं कि यह उनकी संपत्ति है. इस प्रक्रिया में कोई समय सीमा नहीं है।