अजित पवार की चाल से बीजेपी हुई असहज,अंतिम ‘घड़ी’ में मार दिया सिक्सर!

 अजित पवार की चाल से बीजेपी हुई असहज,अंतिम ‘घड़ी’ में मार दिया सिक्सर!
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महाराष्ट्र में मंगलवार को नामांकन के साथ सीटों वाला क्लेश और सस्पेंस भी खत्म हो गया. नामांकन खत्म होने के बाद ये पिक्चर साफ हो पाई कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ रही है. ऐसा शायद महाराष्ट्र के चुनावी इतिहास में पहली बार हुआ होगा. खैर, नामांकन खत्म होने के बाद लेटेस्ट अपडेट ये है कि महायुति में बीजेपी सबसे ज्यादा 152 सीटें लड़ रही हैं. अपने खाते से उसने 4 सीट अपने छोटे सहयोगियों को दी हैं.एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 85 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं जबकि अजित पवार गुट के 52 प्रत्याशी मैदान में हैं. ये आंकड़ा 289 सीटों का बन जाता है. आप सोच रहे होंगे कि विधानसभा में कुल सीट 288 तो फिर एक सीट ज्यादा कैसे हो गई…दरअसल अजित पवार की पार्टी से लड़ रहे नवाब मलिक ने नामांकन के दो फॉर्म भर दिए हैं इसलिए ये आंकड़ा एक ज्यादा है।

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कुछ ऐसा ही हाल महा विकास अघाड़ी में भी है.महा विकास अघाड़ी में सबसे ज्यादा 102 सीटों पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. उद्धव गुट के 89 जबकि शरद पवार गुट के 87 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है जबकि 13 सीटें सहयोगी दलों को दी गई है. इस लिहाज से महा विकास अघाड़ी में सीटों का योग 291 हो रहा है. दरअसल 3 सीटों पर इसी गठबंधन के दल आमने सामने आ गए हैं. मतलब ये कि जितनी सीटों पर गठबंधन तय हुआ था उससे ज्यादा उम्मीदवार उतार दिए गए इसलिए 288 का आंकड़ा 291 पर पहुंच गया.नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 4 नवंबर है. 4 नवंबर तक पार्टियों के पास गठबंधन के सहयोगियों और नाराज नेताओं को मनाने का वक्त है. जब ये नामांकन वापस लेंगे तब 5 नवंबर को आखिरी आंकड़े सामने आएंगे. कुल मिलाकर कुछ सीटों का सस्पेंस बरकरार ही रह गया.नामांकन की आखिरी घड़ी में अजित पवार ने सियासी सिक्सर मारा. घड़ी उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न भी है. घड़ी वाली एनसीपी ने मानखुर्द शिवाजी नगर से नवाब मलिक को आखिरी क्षण में उतारकर सबको चौंका दिया. पिछली बार यहां से समाजवादी पार्टी के अबू आजमी जीते थे. मतलब इस सीट पर दो कद्दावर नेताओं की टक्कर है. ये वही नवाब मलिक हैं जो कभी अजित के चाचा शरद पवार के खास माने जाते थे. अब वो पाला बदल चुके हैं.अब सवाल है कि 2019 में जीत दर्ज करने वाले नवाब मलिक अपनी सीट अणुशक्ति नगर छोड़कर अबु आजमी के खिलाफ क्यों खड़े हो गए. तो बता दें कि नवाब मलिक की बेटी सना मलिक अपने पिता की सीट अणुशक्ति नगर से अजित पवार गुट के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. जब सना के नाम का ऐलान हुआ तो ये चर्चा सामने आई थी कि बीजेपी के दबाव में अजित पवार ने नवाब मलिक से दूरी बनाई, लेकिन नामांकन के बाद ये साफ हो गया कि एनसीपी ने रणनीति के तहत ऐसा किया था.सना मलिक के सामने शरद पवार की एनसीपी ने अभिनेत्री स्वरा भास्कर के पति फहाद अहमद को उतारा है. फहाद अहमद समाजवादी पार्टी के नेता हैं जो अबु आजमी के करीबी हैं. मतलब समाजवादी पार्टी के नेता शरद पवार की पार्टी के टिकट पर नवाब मलिक की बेटी के खिलाफ खड़े हैं. तो अब समाजवादी पार्टी के अबू आजमी के खिलाफ सना के पिता नवाब मलिक खुद मैदान में आ गए.अब सवाल है कि क्या वो अपनी बेटी का बदला लेने के लिए अबु आजमी के सामने उतरे हैं. इसका जवाब तो वही दे सकते हैं, लेकिन इतना तय है कि महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय के दो बड़े नेताओं की सियासी लड़ाई खुलकर हो रही है. कहने वाले तो ये भी ये कह रहे हैं कि नवाब मलिक की बेटी के खिलाफ अबू आजमी ने ही अपनी पार्टी के फहाद अहमद को शरद गुट से टिकट दिलवाया जिससे नवाब मलिक नाराज हो गए.वैसे, अजित पवार की इस चाल ने बीजेपी को भी असहज कर दिया है. पार्टी ने साफ किया है कि वो उनके लिए प्रचार नहीं करेगी. महाराष्ट्र बीजेपी नेता आशीष शेलार ने कहा कि नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर बीजेपी की भूमिका एक दम स्पष्ट है, कि बीजेपी के लिए प्रचार नहीं करेगी।

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