तहव्वुर राणा को लेकर अमेरिका ने शेयर की कई अहम रिपोर्ट,पूछताछ में लगातार जुटी है NIA

 तहव्वुर राणा को लेकर अमेरिका ने शेयर की कई अहम रिपोर्ट,पूछताछ में लगातार जुटी है NIA
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अमेरिका की जेल से प्रत्यर्पण के जरिए तहव्वुर राणा को भारत लाया गया। इस समय वह एनआईए की हिरासत में है। तहव्वुर राणा 26/11 मुंबई हमलों का मुख्य साजिशकर्ता है। इस बीच अमेरिकी जांच एजेंसी ने NIA से कई जानकारियां शेयर की हैं। इसमें 26/11 मुंबई हमले से जुड़े कई बड़े खुलासे किए गए हैं। साझा की गई जानकारी के मुताबिक मुंबई में अरब सागर की लहरें उफान पर थीं, इसलिए हमले की तारीख पहले एक बार टाल दी गई थी। पाकिस्तान, ISI, लश्कर ए तैयबा और तहव्वुर राणा 26/11 के पहले ही समुंदर की लहरों के शांत होने का इंतजार कर रहे थे।इसके अलावा हेडली ने तहव्वुर राणा से हमले से पहले एक मुलाकात के दौरान कहा था कि मुंबई हमले को कुछ समय के लिए टाल दिया गया है, क्योंकि समुद्र की लहरें शांत नही हैं। मुंबई में हमलों की जितनी जानकारी आतंकी लखवी-हाफिज सईद-और मक्की और बाकी साजिशकर्ताओं को थी उतनी ही राणा को भी थी। 26/11 की साजिश का हर हिस्सा तहव्वुर राणा से शेयर किया जा रहा था। इस बात की तस्दीक खुद अमेरिकी जांच एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में की है, जो उन्होंने NIA से शेयर की है।अमेरिकी जांच रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2008 के आखिर में हेडली लगभग छह हफ्तों के लिए अमेरिका गया था। मई 2008 के आखिर में डेविड कोलमैन हेडली ने शिकागो में तहव्वुर राणा से मुलाकात की थी। खास बात ये रही कि हेडली ने राणा से कहा था कि हमले को कुछ समय के लिए टाल दिया गया है, क्योंकि समुद्र की लहरें शांत नहीं थीं। मार्च 2008 में डेविड कोलमैन हेडली को लश्कर ने बताया था कि मुंबई के ताज होटल पर आतंकी हमला करेंगे। हेडली ने शिकागो मे यह बात मई 2008 में राणा को मुलाकात के दौरान बताई थी, जबकि राणा ने अमेरिका में पूछताछ के दौरान झूठ बोला कि उसे 26/11 हमले की जानकारी नहीं थी।हेडली ने भारत में की थी रेकीअब NIA यही सब सवाल राणा से पूछ रही है और उससे 26/11 का हर छिपा राज जांच एजेंसी NIA जानना चाहती है। हेडली ने राणा को बताया कि उसने मुंबई में किन-किन जगहों की रेकी की और किन-किन साथियों से मुलाकात की। हेडली ने राणा को ये भी बताया कि आतंकियों को मुंबई में ताजमहल होटल के नजदीक उतारने के आदेश दिए गए हैं। हेडली ने ही मुंबई हार्बर में नाव से रेकी की और GPS डिवाइस के इस्तेमाल की जानकारी राणा को दी थी। इन पांच दिनों की बातचीत के दौरान, आरोपी ने भारत के शहरों की रेकी के बारे में राणा को जानकारी दी थी। हेडली ने राणा को बताया कि उसे कई और शहरों में रेकी के लिए ऊपर से आदेश दिया गया था।बता दें कि भारत लाए जाने के बाद तहव्वुर राणा को पटियाला हाउस की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने 18 दिनों की रिमांड पर भेज दिया है। रिमांड नोट में लिखा है कि यह साजिश सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जुड़े हैं। इसमें भारत के कई शहरों सहित राष्ट्रीय राजधानी (दिल्ली) को निशाना बनाया गया था। तहव्वुर राणा और उसके साथियों द्वारा की गई रेकी की जांच जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि तहव्वुर राणा को उन सबूतों से रूबरू कराना जरूरी है जो रेकी से जुड़े हैं।

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कोर्ट ने कहा कि राणा का गवाहों और अन्य सबूतों के साथ आमना-सामना कराना जरूरी है। इसके साथ ही साजिश बहुत गहरी है, इसलिए तह तक पहुंचने के लिए पुलिस हिरासत में लगातार पूछताछ जरूरी है। कोर्ट ने माना कि यह मामला भारत की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ा है। जज ने कहा कि जांच एजेंसी को पूरा और निष्पक्ष मौका मिलना चाहिए ताकि वो कोर्ट के सामने सभी तथ्यों को पेश कर सकें।वहीं सूत्रों की मानें तो 18 दिन की कस्टडी मिलने के बाद NIA तहव्वुर राणा से हेडली के साथ रिश्तों पर पूछताछ कर रही है। मुंबई हमले से पहले हेडली और राणा के बीच क्या बातचीत हुई, इसपर एनआईए तहव्वुर राणा के बयानों की तस्दीक करेगी। दरअसल ये सब कुछ होगा MLATs यानी Mutual Legal Assistance Treaties के जरिए। ये आपसी कानूनी सहायता संधियां (MLATs) दो देशों के बीच कानूनी मामलों, खासतौर से आपराधिक मामलों में सहयोग के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। इस संधि के तहत देश एक-दूसरे को किसी मामले से जुड़ी जानकारी और साक्ष्य साझा करते हैं। भारत की कई देशों के साथ MLATs संधि है, जिनमें से एक अमेरिका भी है। भारत में MLATs संधि संबंधित सभी मामलों को गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा नियंत्रित किया जाता है, यानी ऐसे मामलों के लिए दो देशों के बीच MHA मध्यस्ता की भूमिका अदा करता है। इसी MLATs संधि के जरिए भारतीय जांच एजेंसियां राणा के बयानों की तस्दीक अमेरीकी जांच एजेंसीज डेविड कोलमैन हेडली के बयानों से करवाएगी।

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