दिल्ली में की जा रही हाईलेवल मीटिंग हुई खत्म,पीएम मोदी के नेतृत्व में लिए गए कई फैसले

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति बनी है। इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रही हाईलेवल मीटिंग खत्म हो चुकी हैं। बता दें कि इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस, तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद है। बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना ने एक्शन लेते हुए पाकिस्तान के 9 आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया। इस हमले के बाद पाकिस्तान ने अगले दिन भारत पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया। हालांकि भारतीय डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों को नाकाम कर दिया।इसके बाद भारतीय सेना ने रिटैलिएट करते हुए हमला किया और पाकिस्तान के कई एयरबेस और रडार सिस्टम के तहस नहस कर दिया।

इसके बाद घबराए पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ के सामने सीजफायर की पेशकश की। हालांकि आज दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच बैठक होने वाली है। हालांकि इस बीच भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान द्वारा अगर कोई कार्रवाई की जाएगी तो भारत इसका जवाब सख्ती से देगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि भारत की सशस्त्र सेनाएं भारत की शांति को बर्बाद करने के प्रयासों का मुंहतोड़ जवाब देगी।
आयोग ने कहा कि यह यह गोपनीयता का गंभीर उल्लंघन है, जो उनकी सुरक्षा को खतरे में डालता है।आयोग ने कहा, विक्रम मिस्री जैसे देश के वरिष्ठतम सिविल सेवकों के परिवार के सदस्यों पर इस तरह के व्यक्तिगत हमले न केवल अस्वीकार्य हैं, बल्कि नैतिक रूप से भी अक्षम्य हैं। हम सभी से शालीनता, सभ्यता और संयमित व्यवहार का आग्रह करते हैं।बता दें कि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री, सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की आवाज बनकर सामने आए थे। इन तीनों अधिकारियों ने बीते दिनों लगातार प्रेस ब्रीफिंग कर सेना के पराक्रम से भरी कार्रवाई की जानकारी दुनिया को दी। जब सीजफायर की अचानक घोषणा की गई, तो इससे लोगों में नाराजगी देखने को मिली, जिनके निशाने पर विक्रम मिस्री आ गए।