पुलिस क्या कहती है और क्या नहीं इसका कोई मतलब नहीं है,संभल मामले में बोले मस्जिद कमेटी के प्रमुख जफर अली

उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा को लेकर राजनीति जारी है। विपक्षी दल इस हिंसा के लिए योगी आदित्यनाथ की अगुआई वाली बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं, प्रशासन आरोपियों को पकड़कर कार्रवाई में लगा हुआ है। इस बीच समाजवादी पार्टी के सांसद का नाम एपआईआर में शामिल होने पर अखिलेश यादव ने आपत्ति जताई है और कहा है कि घटना के समय सपा सांसद मौके पर नहीं थे। संभल में कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस की मौजूदगी में मुगलों के समय की मस्जिद का सर्वेक्षण हो रहा था। इस दौरान कई लोग सर्वेक्षण का विरोध करने आ गए और पुलिसकर्मियों के साथ उनकी झड़प हो गई।

इस झड़प में चार लोगों की मौत हुई और करीब 20 सुरक्षाकर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए।इस घटना के बाद से यूपी की सियासत गरमा गई है। अन्य राज्यों के नेता भी इस घटना को लेकर योगी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। वहीं, बीजेपी नेताओं का कहना है कि आरजक तत्वों ने पहले से ही इस हिंसा की तैयारी कर रखी थी।मस्जिद सदर प्रमुख और शाही मस्जिद कमेटी के प्रमुख जफर अली को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था। पुलिस के सवालों का जवाब देने के बाद उन्होंने कहा “मुझे बुलाया गया था और मैं आया। अब मैं घर जा रहा हूं। मुझे पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उन्होंने मुझसे प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में पूछा।” जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपने बयान पर कायम हैं तो उन्होंने कहा कि पुलिस कहेगी कि मैंने जो कुछ भी कहा वह गलत था। पुलिस क्या कहती है और क्या नहीं, इसका कोई मतलब नहीं है। उन्होंने अन्य सवालों को टालते हुए कहा, “मुझे कुछ समय लगेगा। मैं अभी बहुत अच्छा महसूस नहीं कर रहा हूं।”