ममता बनर्जी के आगे बेबस दिख रही है केंद्र सरकार,मुर्शिदाबाद मामले में हुआ बड़ा खुलासा

केंद्रीय गृह मंत्रालय को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भड़की हिंसक झड़पों की प्रारंभिक जांच के बारे में सूचित किया गया है, जिसमें कथित तौर पर बांग्लादेशी उपद्रवियों की संलिप्तता होने की आशंका है. ये जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है. दरअसल, मुर्शिदाबाद के सुती, धूलियान और जंगीपुर इलाकों में हिंसा हुई थी. ये हिंसा संशोधित वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बीच 12 और 13 अप्रैल को हुई थी।सूत्रों का कहना है कि हिंसा पर गृह मंत्रालय को केंद्रीय एजेंसियों की ओर से शुरुआती जानकारी जो मिली है उसमें बांग्लादेशी घुसपैठियों की हिंसा में भूमिका की आशंका जताई गई है. वहीं, अवैध तरीके से दाखिल हुए बांग्लादेशियों की वजह से कुछ परिवार मुर्शिदाबाद से मालदा को पलायन करने को मजबूर हैं।जानकारी के मुताबिक, अवैध बांग्लादेशियों को हिंसाग्रस्त इलाकों में सक्रिय होने में स्थानीय प्रशासन की लापरवाही बड़ी वजह बनी है. सूत्रों के मुताबिक अवैध रूप से दाखिल हुए इन बांग्लादेशी घुसपैठियों का नियमों के मुताबिक सत्यापन नहीं किया गया था और इस वजह से वह हिंसा प्रभावित इलाकों में सक्रिय होते गए.

जिसका नतीजा यह हुआ कि कुछ परिवारों को वहां से अपना इलाका छोड़ना पड़ा. इसके बाद हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के तैनाती हुई।केंद्र सरकार लगातार बंगाल हिंसा के हालात का आकलन कर रहा है और इसी तरीके से केंद्रीय एजेंसी से नियमित अंतराल पर अपनी रिपोर्ट मंगा रहा है. इसके अलावा केंद्र सरकार लगातार राज्य सरकार के भी संपर्क में है और हालात पर नजर बनाए हुए है. गृह सचिव बंगाल की स्थिति पर नजर रख रहे हैं।बंगाल में वक्फ संशोधन कानून को लेकर व्यापक आक्रोश से अशांति फैल गई. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि ये बदलाव अल्पसंख्यकों के अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करते हैं. बढ़ते तनाव के जवाब में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को घोषणा की कि उनकी सरकार राज्य में संशोधित कानून को लागू नहीं करेगी. आश्वासन के बावजूद, जिले के कुछ हिस्सों में हिंसा जारी रही, जिसके कारण कानूनी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आईं. बीजेपी नेता और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर कार्रवाई करते हुए, कलकत्ता हाई कोर्ट ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था बहाल करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की तैनाती का आदेश दिया।