शरद पवार खुद राज्यसभा में रहे अनुपस्थित,वक्फ बिल पर उनके दो सांसद और नहीं कर पाएं वोट

 शरद पवार खुद राज्यसभा में रहे अनुपस्थित,वक्फ बिल पर उनके दो सांसद और नहीं कर पाएं वोट
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वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर मतदान के दौरान लोकसभा में शरद चंद्र पवार की पार्टी (राष्ट्रवादी) के दो सांसद अनुपस्थित रहे, जबकि शरद पवार खुद राज्यसभा में अनुपस्थित रहे. एक महत्वपूर्ण विधेयक के पारित होने के दौरान एनसीपी नेता शरद चंद्र पवार की पार्टी की अनुपस्थिति के कारण उनकी भूमिका को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार को लोकसभा में पेश किया गया और चर्चा के बाद देर रात विधेयक लोकसभा में पारित हो गया. लोकसभा में इस विधेयक पर मतदान के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सांसद अमोल कोल्हे और शरद चंद्र पवार की पार्टी के सुरेश बाल्या मामा म्हात्रे सदन से अनुपस्थित रहे.

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इसी तरह, सांसद सुरेश म्हात्रे वक्फ संशोधन विधेयक के संबंध में गठित जेपीसी समिति के सदस्य थे, लेकिन उन्होंने किसी भी बैठक में भाग नहीं लिया।यह बात इस विधेयक पर मतदान के दौरान देखी गई. यह भी बताया गया है कि वह जेपीसी की बैठक में उपस्थित नहीं थे. हालांकि शरद पवार के करीबीयों ने एबीपी न्यूज को बताया कि पवार मुंबई में अपना इलाज करा रहे थे जिसके चलते वो दिल्ली नहीं जा पाए. लेकिन पवारलगुट के सांसदों की गैरमौजूदगी के चलते अटकलों का बाजार तेज है।दूसरी ओर, अजित पवार गुट के मुस्लिम नेताओं में वैचारिक समस्या निर्माण हुई है. प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सुनील तटकरे द्वारा लोकसभा में उपस्थित होकर वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में मतदान करने के बाद मुस्लिम नेता मुश्किल में पड़ गए हैं. समाज सेक्युलर विचारधारा को आगे बढ़ने की बात करता है, वहीं दूसरी तरफ़ अल्पसंख्यक के साथ जब खड़े रहने की बारी आई तब पार्टी अध्यक्ष ने वक्फ बिल का समर्थन क्यों किया, ऐसे सवाल पार्टी के ही अल्पसंख्यक नेता उपस्थित कर रहे हैं. पार्टी की अल्पसंख्यक शाखा के साथ-साथ पार्टी के अन्य मुस्लिम नेता भी एकजुट होकर जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पवार से मुलाकात करेंगे।

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