देशभर में आज धूमधाम से मनाया जा रहा है सरस्वती पूजा,जानिए इस दिन का क्या है महत्व?

 देशभर में आज धूमधाम से मनाया जा रहा है सरस्वती पूजा,जानिए इस दिन का क्या है महत्व?
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आज यानी 2 फरवरी 2025 को देश भर में वसंत पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी मनाई जाती है। आज के दिन को मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार वसंत पंचमी के दिन ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल छिड़ककर सरस्वती माता को उत्पन्न किया था, इसलिए इस तिथि पर घर, मंदिर से लेकर सभी शिक्षा संस्थानों में मां शारदा की पूजा का भव्य आयोजन किया जाता है।वसंत पंचमी पर शिक्षा और संगीत से जुड़े लोग मां सरस्वती की पूजा करते हैं। वे ज्ञान की देवी से बुद्धि और विद्या की कामना करते हैं। यह त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है। शिक्षक और छात्र दोनों ही इस दिन सरस्वती पूजा में शामिल होते हैं। वसंत पंचमी का त्योहार ज्ञान और कला की देवी, मां सरस्वती को समर्पित है। इस दिन लोग विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। मां सरस्वती से ज्ञान और बुद्धि की वृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, कई बार घर में वास्तु-दोष होने के कारण विद्यार्थी को शिक्षा में उचित परिणाम नहीं मिलते हैं। ऐसे में उन्हें वसंत पंचमी के दिन से ही पूर्व, उत्तर या पूर्वोत्तर के दिशा में पढ़ाई करना चाहिए। इस दिशा को ध्यान एवं शांति का केंद्र भी माना जाता है। इस दिशा में पढ़ाई करने से विद्यार्थी का मन एवं मस्तिष्क एकाग्रचित रहता है। जिन छात्रों को पढ़ाई में कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है या वह एकाग्रता से नहीं पढ़ पा रहे हैं, उन्हें वसंत पंचमी के दिन ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः’ मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि मंत्र का जाप स्वच्छ आसन पर बैठकर और पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके ही किया जाए।‘वसंत पंचमी’ के दिन छोटे बच्चे का हाथ पकड़कर काले रंग की स्लेट पर कुछ न कुछ जरूर लिखवाना चाहिए।

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दरअसल, इस क्रिया को ‘अक्षराम्भ’ कहते हैं। ऐसा करने से पढ़ाई के क्षेत्र में बच्चा शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा करेगा।वसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की विधि विधान पूजा करनी चाहिए।माता के मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए।इस दिन मां सरस्वती को हल्दी अवश्य अर्पित करें।वसंत पंचमी पर मां सरस्वती को खीर का भोग अवश्य लगाएं।इस दिन मां सरस्वती को कलम अवश्य अर्पित करते हैं।वसंत पंचमी के दिन पूजा के लिए पूजा स्थान पर एक चौकी लगाएं।अब उसपर पीला साफ वस्त्र बिछाएं।माता सरस्वती की मूर्ति स्थापित करें।देवी को पीले रंग के वस्त्र, फूल, रोली, केसर और हल्दी व चंदन अर्पित करें।मिठाई का भोग लगाएं और दीया जलाएं।मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करें।अब आरती करके प्रसाद वितरित कर दें।

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