चुनाव से पहले बीजेपी को मजबूत करने के लिए मैदान में उतरेगी RSS, अब महिलाओं की होगी आरएसएस में एंट्री
उत्तर प्रदेश के लखनऊ के निराला नगर में मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक हुई, जिसमें बीजेपी के शीर्ष नेता शामिल हुए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, बीजेपी प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह के साथ संघ ने बैठक की. 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर संघ और बीजेपी की यह बैठक आने वाले समय के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है.संघ के साथ-साथ विश्व हिंदू परिषद, किसान संघ, शिक्षक संघ, हिंदू जागरण मंच, विद्या भारती और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रमुख पदों पर महिलाओं की नियुक्ति भी की जा सकती है. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में आरएसएस की सक्रियता बढ़ गई है. आरएसएस की तैयारी यूपी में अपनी जमीन मजबूत करने की है. इसी सिलसिले में लखनऊ में संघ और बीजेपी की आठ घंटे तक मैराथन बैठक चली. बीजेपी और संघ के साथ बाकी सहयोगी संगठनों की बैठक में फैसला हुआ कि आरएसएस का फोकस अब गांवों तक दलितों और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाएगा।
आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार की अगुवाई में हुई बैठक में यह भी तय किया गया कि संघ अब हर जिले में महिला सम्मेलन करेगा. इसमें बीजेपी, विश्व हिंदू परिषद और हिंदू जागरण मंच के साथ बाकी संगठन भी सहयोग करेंगे. अभी तक संघ की व्यवस्था में महिलाओं का सीधा हस्तक्षेप नहीं है. बस राष्ट्र सेविका समिति के दरवाजे ही उनके लिए खुले हैं. संघ से जुड़े लोगों का दावा है कि अब सहयोगी संगठनों में भी प्रमुख पदों पर महिलाओं को जिम्मेदारी दी जाएगी.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर महिला विरोधी होने के आरोप लगातार लगते रहे हैं. देश में हर तरफ महिला आरक्षण की चर्चा हो रही है. मोदी सरकार ने लोकसभा में इसके लिए संविधान संशोधन बिल भी पेश कर दिया है. ऐसे हालात में संघ अपनी पुरानी छवि से बाहर निकलने की तैयारी में है. सूत्रों का कहना है कि सहयोगी संगठनों के साथ हुई बैठक में तय किया गया है कि संघ अब खुद की महिला विरोधी होने की छवि तोड़ेगा.कांग्रेस समेत विपक्षी दल यह आरोप लगाते रहते हैं कि संघ की शाखाओं में सिर्फ पुरुष ही दिखाई पड़ते हैं, महिलाएं नहीं. संभव है कि आने वाले दिनों में संघ की शाखाओं में महिलाएं भी दिखाई पड़ें. संघ के साथ-साथ विश्व हिंदू परिषद, किसान संघ, शिक्षक संघ, हिंदू जागरण मंच, विद्या भारती और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रमुख पदों पर महिलाओं की नियुक्ति भी की जा सकती है. इसके लिए संघ ने अपने इन सभी सहयोगी संगठनों से भी कह दिया है कि वह महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाएं।