हिंडनबर्ग रिसर्च ने फिर से एक बार दी चेतावनी,अडानी पहले हो चुके हैं शिकार,इस बार किसकी है बारी?

हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी. उसका कहना था कि उसने अडानी ग्रुप के शेयर्स को लेकर शॉर्ट पोजिशन ली हुई है. हालांकि तब ये साफ नहीं हुआ था कि उसने किसके लिए ये शॉर्ट पोजिशन ली थी, क्योंकि भारतीय शेयर बाजार में उसे डायरेक्ट डील करने की परमिशन नहीं है।अबकी बार हिंडनबर्ग के निशाने पर कौन है, ये तो उसके एक्स पोस्ट से साफ पता नहीं चलता है. लेकिन उसका इस तरह से चेतावनी देना निश्चित तौर पर शेयर मार्केट में निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेगा. इतना ही नहीं आम निवेशकों के मन में एक बार फिर अडानी ग्रुप को लेकर संशय के बादल मंडराने लगे हैं।

वहीं कुछ यूजर्स हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठा रहे हैं. ये हिंडनबर्ग रिसर्च की पोस्ट पर आए आम यूजर्स के कमेंट से भी पता चल सकता है।हिंडनबर्ग रिसर्च ने जब गौतम अडानी के ग्रुप के खिलाफ अपनी रिपोर्ट जारी की थी. उसके बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर प्राइस में तेजी से गिरावट आई थी. रिपोर्ट आने से पहले अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी दुनिया के टॉप-5 अमीर लोगों में शामिल थे, लेकिन रिपोर्ट आने के कुछ दिन बाद ही उनकी नेटवर्थ आधी रह गई थी और वह दुनिया के टॉप-25 रईसों की लिस्ट से भी बाहर हो गए थे. हालांकि सालभर के अंदर ही गौतम अडानी की कंपनी ने रिकवरी की. अभी वह भारत के दूसरे सबसे अमीर और दुनिया के टॉप-15 रईसों में शामिल हैं.हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर अत्याधिक कर्ज लेने, शेयर प्राइस को मैन्युपुलेट करके उन्हें जरूरत से ज्यादा भाव तक पहुंचाने और अकाउंटिंग में गड़बड़ी होने जैसे आरोप लगाए थे।