अमेरिका के द्वारा लागू किए गए टैरिफ पर बोले पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम,हम कुछ हीं महीने में बर्बाद हो जाएंगे

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ युद्ध की धमकी पर भारत की प्रतिक्रिया स्पष्ट करने को कहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले पर संसद में कोई चर्चा या विपक्षी दलों के साथ परामर्श नहीं किया गया है. उन्होंने ट्रंप के खिलाफ़ जवाबी कार्रवाई करने में समान हितों वाले अन्य देशों के साथ साझा आधार तलाशने का आह्वान किया. एक टीवी चैनल से बात करते हुए चिदंबरम ने कहा कि यदि भारत सरकार की यह धारणा है कि अमेरिका एक कदम आगे और दो कदम पीछे जा रहा है, तो उसके पास इसका प्रतिकार करने के लिए एक नीति होनी चाहिए।यूपीए सरकार के तहत केंद्रीय वित्त मंत्री रहे चिदंबरम ने एक टीवी चैनल से कहा, “लेकिन आपके पास वैकल्पिक परिदृश्य होना चाहिए. क्या होगा अगर वे (अमेरिका) एक कदम आगे बढ़ते हैं? हमारी प्रतिक्रिया क्या होगी? क्या होगा अगर वे दो कदम पीछे हटते हैं? हमारी प्रतिक्रिया क्या होगी?

और उस प्रतिक्रिया को पूरी दुनिया के सामने सार्वजनिक करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन कम से कम संसद में एक बयान तो होना ही चाहिए, या विपक्षी दलों के साथ परामर्श तो होना ही चाहिए. हम पूरी तरह से अंधेरे में हैं.”मेरी जानकारी के अनुसार, अधिकांश मंत्री अंधेरे में हैं. अमेरिका की अनिश्चित नीति के प्रति इस प्रतिक्रियात्मक नीति को बनाने में कौन शामिल है? मुझे नहीं पता. ऐसा लगता है कि किसी को भी नहीं पता. अमेरिका में आयातित ऑटोमोबाइल और कार पार्ट्स पर 2 अप्रैल से 25 प्रतिशत टैरिफ लगेगा. भारतीय ऑटो एंसिलरी फर्मों को सबसे ज्यादा झटका लगेगा क्योंकि वे अमेरिका को बहुत सारे कंपोनेंट निर्यात करती हैं. भारत के ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के राजस्व का लगभग पांचवां हिस्सा निर्यात से आता है. इसमें से 27 प्रतिशत अकेले अमेरिकी बाजार को जाता है।