दाऊद को धमकाने वाला डॉन बबलू श्रीवास्तव एक बार फिर से आया चर्चा में,जानिए उसकी खौफनाक कहानी

 दाऊद को धमकाने वाला डॉन बबलू श्रीवास्तव एक बार फिर से आया चर्चा में,जानिए उसकी खौफनाक कहानी
Sharing Is Caring:

उत्तर प्रदेश के बरेली सेंट्रल जेल में बंद कुख्यात माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव एक बार फिर चर्चा में है. अब उसकी चर्चा प्रयागराज के चौक इलाके से आभूषण कारोबारी पंकज महिंद्रा के अपहरण केस की वजह से हो रही है. 25 साल से बरेली जेल में बंद इस गैंगस्टर को पहली बार किसी मामले में बयान दर्ज कराने के लिए जेल से बाहर लाया जा रहा है. आज उसकी प्रयागराज की कोर्ट में पेशी है. इससे पहले बबलू श्रीवास्तव की चर्चा आतंकी सरगना और लश्कर ए तैयबा के चीफ हाफिज सईद के घर पर बम फेंकने और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को धमकाने के मामले में भी खूब हुई है.मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले का रहने वाला बबलू श्रीवास्तव उर्फ ओमप्रकाश श्रीवास्तव फिलहाल पुणे में कस्टम विभाग के अफसर एलडी अरोड़ा की हत्या के मामले में बरेली जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।

IMG 20231016 WA0025

बबलू के पिता पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रिंसिपल थे, वहीं बड़े भाई सेना में कर्नल. बबलू भी वकील बनना चाहता था, लेकिन परिस्थितियों ने उसे अपराध का रास्ता पकड़ने के लिए बाध्य कर दिया. बचपन के दिनों में वह बेहद शांति प्रवृति का था.लखनऊ यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान एक बार छात्रों के दो गुटों में चाकूबाजी हो गई. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन उस समय दोनों गुट के छात्र भागने में सफल हो गए. उस समय लखनऊ पुलिस ने बबलू को अरेस्ट कर लिया. इस मामले में बबलू जमानत पर आया ही था कि बाइक चोरी के मामले में पुलिस ने इसे जेल भेज दिया. इन मुकदमों ने बबलू को इस प्रकार हिला दिया कि वह शराफत छोड़ कर अपराध के रास्ते पर बढ़ गया. ठान लिया कि अब उसका लक्ष्य टॉप का वकील बनना नहीं, टॉप का अपराधी बनना है.इन्हीं दिनों वह ना केवल अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के संपर्क में आया, बल्कि उसका बहुत करीबी हो गया.हालांकि जब दाऊद ने मुंबई ब्लास्ट की योजना बनाई तो बबलू ने विरोध किया. बावजूद इसके दाऊद पीछे नहीं हटा तो बबलू ने उसे अंजाम भुगतने की धमकी दी और अपना रास्ता अलग कर लिया. उसकी धमकी के चलते ही दाऊद को भी भारत छोड़ कर पाकिस्तान में शरण लेनी पड़ी. वहीं बबलू को भी कई साल तक निर्वासित जीवन व्यतीत करना पड़ा.इसी बीच सन 2000 के दशक में पाकिस्तान के करांची शहर में आतंकी सरगना और लश्कर ए तैयबा के चीफ हाफिज सईद के बंगले पर बम फेका गया था. उस समय पाकिस्तान सरकार ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए इसके लिए भारत सरकार और बबलू श्रीवास्तव को जिम्मेदार बताया था. फिलहाल बबलू श्रीवास्तव के खिलाफ देश के अलग अलग राज्यों में 60 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. वहीं सौ से अधिक अन्य मुकदमों में उसे शामिल होने की आशंका है.इसी तरह का मामला प्रयागराज में पंकज महिंद्रा अपहरण केस भी है. साल 2015 में हुए इस वारदात के दौरान बबलू श्रीवास्तव बरेली जेल में था. हालांकि उसके ऊपर आरोप है कि उसी ने साजिश रची थी और 10 करोड़ की रंगदारी मांगी थी. इस मामले में आज उसका कोर्ट में बयान दर्ज होना है. बबलू श्रीवास्तव करीब 25 साल पहले मारीशस में गिरफ्तार हुआ था. उसी समय उसे प्रर्त्यपण कर भारत लाया गया.बरेली जेल के अधिकारियों की माने तो 25 साल के अंदर बबलू के व्यवहार में काफी परिवर्तन आया है. उसने जेल की काल कोठरी में ही बैठकर अपराध के विषय पर तीन किताबें लिखी हैं. उसकी पहली किताब साल 2004 में अधूरी ख्वाहिश के नाम से आई थी. वहीं दूसरी किताब साल 2018 में बढ़ते कदम नाम से प्रकाशित हो चुकी है. जबकि तीसरी किताब क्रिमिनल का काम पूरा हो चुका है और छपने के लिए प्रेस में चली गई है।

Comments
Sharing Is Caring:

Related post