इंडिया गठबंधन से सीएम नीतीश ने बनाई दूरी,धीरे-धीरे अपने गठबंधन को देंगे झटका?

 इंडिया गठबंधन से सीएम नीतीश ने बनाई दूरी,धीरे-धीरे अपने गठबंधन को देंगे झटका?
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बिहार के मुख्यमंत्री का अगला कदम क्या होगा, सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार ही जानते हैं। एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली की सत्ता से दूर रखने के लिए पहले दिन से प्रयासरत हैं। इन सब के बीच, विपक्षी दलों को एकजुट करने में मुख्य भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से अलग राह पर चल दिए हैं। पहली बार नीतीश कुमार गठबंधन से हटकर बयान दिया। उनके बयान से लगता है कि आने वाले समय में ‘इंडिया’ के अंदर सियासी भूचाल आने वाला है।

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दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी ‘इंडिया’ के सदस्यों द्वारा विभिन्न टेलीविजन चैनल के एंकर का बहिष्कार करने के बारे में किसी तरह की जानकारी होने से साफ-साफ इनकार कर दिया। नीतीश कुमार ने कहा कि गठबंधन के कुछ सदस्यों को लगा होगा कि टीवी एंकर के साथ कुछ दिक्कतें हो सकती हैं और इसलिए उन्होंने यह निर्णय किया होगा। उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन मैं हमेशा प्रेस की स्वतंत्रता के पक्ष में रहा हूं, जिस पर केंद्र में सत्ता में बैठे लोगों द्वारा हमला किया जा रहा है। मैं मौजूदा शासन को परास्त किये जाने के बाद आपको आपके पेशे को लेकर पूरी आजादी देने का आश्वासन देता हूं।नीतीश कुमार ने कहा कि मैं पत्रकारों के समर्थन में हूं। जब सभी को पूरी आजादी मिलेगी, तो पत्रकार वही लिखेंगे जो वे चाहते हैं। क्या वे नियंत्रित हैं। क्या मैंने कभी ऐसा किया है। उनके पास अधिकार हैं, मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं।

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गौरतलब है कि ‘इंडिया’ गठबंधन के मीडिया संबंधित समिति ने गुरुवार को 14 टीवी एंकर की एक सूची जारी की जिनके टीवी कार्यक्रम में घटक अपने प्रतिनिधियों को नहीं भेजेंगे।सियासी बयानबाजी के बीच नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से अलग राह चल दिए हैं। सियासी पंडित भी मानते हैं कि इंडिया गंठबंधन के भीतर मतभिन्नता को नकारा नहीं जा सकता है। जी-20 की बैठक के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बुलाए भोज में गठबंधन में शामिल दलों के कई राज्यों के मुख्यमंत्री पहुंचे, लेकिन कांग्रेस और आरजेडी इसको लेकर नाराज रही। दूसरी ओर आरजेडी के नेता और प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामचरितमानस को लेकर विवादास्पद बयान दे रहे हैं। उनकी बातें जेडीयू के गले नहीं उतर रही है। सीट बंटवारे को लेकर भी बिहार में गठबंधन में शामिल दलों का अलग-अलग दावा है।

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