भारत को लेकर कनाडा का नहीं बदल रहा है रवैया,अर्थव्यवस्था पर जल्द हीं पड़ सकता है असर!

कनाडा और भारत के बीच टेंशन बढ़ती ही जा रही है. भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और लगातार निशाना बनाए जा रहे दूसरे राजनयिकों एवं अधिकारियों को वापस बुलाने का भी ऐलान कर दिया है. इससे दोनों देशों के बीच फिर से तनाव बढ़ने लगा है. अगर कनाडा का यही रवैया रहा तो जाहिर है कि इसका असर दोनों देशों पर पड़ेगा. भारत के हाथ में कनाडा की सबसे बड़ी ताकत है. अगर भारत ने अपना हाथ खींच लिया तो कनाडा की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है।दरअसल, द्विपक्षीय व्यापार के अलावा कनाडा भारत के स्टूडेंट्स पर भी काफी डिपेंडेड है. अगर कनाडा के रवैये के कारण भारत के साथ उसके रिश्ते खराब हुए तो कनाडा की इकोनॉमी पर असर पड़ना तय है. कनाडा में बड़ी तादाद में भारतीय स्टूडेंट्स पढ़ाई करने जाते हैं और देश की अर्थव्यवस्था और यहां के कॉलेजों के लिए पैसे का बड़ा स्रोत हैं. ऐसे में आइए जानते हैं भारतीय स्टूडेंट्स कनाडा की इकोनॉमी में कितना योगदान करते हैं।भारत सरकार के डाटा के मुताबिक, 13 लाख से ज्यादा भारतीय स्टूडेंट्स विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं. हर साल भारी तादाद में भारतीय बाहर पढाई करने जाते हैं।

वहीं सबसे ज्यादा कनाडा भारतीय स्टूडेंट्स की पढ़ाई की पहली पसंद है. सबसे ज्यादा भारतीय स्टूडेंट्स कनाडा पढ़ाई करने जाते हैं. मौजूदा समय में कनाडा में 4,27,000 भारतीय स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं. कनाडा में 40 पर्सेंट भारतीय स्टूडेंट्स हैं और ये कनाडा की अर्थव्यवस्था में ढाई लाख करोड़ रुपये का योगदान देते हैं, जिससे कनाडा की इकोनॉमी मजबूत होती है।भारत के स्टूडेंट्स कनाडा की इकोनॉमी में सिर्फ फीस और पढ़ाई करके ही योगदान नहीं कर रहे हैं बल्कि वो यहां नौकरी करके भी देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ा रहे हैं. 2022 के डाटा के मुताबिक, कनाडा की अर्थव्यवस्था में विदेशी छात्रों का योगदान 22.3 बिलियन डॉलर का था जबकि इसमें 10.2 बिलियन डॉलर यानी 85,000 करोड़ रुपये तो अकेले भारतीय स्टूडेंट्स ही योगदान कर रहे थे।