बिहार में BJP ने बदली चाल,लालू को छोड़ नीतीश के वोटबैंक में सेंधमारी का बनाया बड़ा प्लान

नीतीश कुमार के साथ नाता टूटने के बाद से बीजेपी बिहार की सियासत में किसी बैखासी के बजाय खुद को पैरों पर खड़ा करने की कवायद में जुट गई है. ऐसे में बीजेपी की नजर नीतीश कुमार के वोटबैंक पर है, जिसे अपने साथ जोड़ने के लिए पार्टी हरसंभव कोशिश में है. बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने अपनी टीम का गठन किया तो पार्टी के कोर वोटबैंट का सवर्ण समुदाय का ख्याल रखते हुए अतिपिछड़े वर्ग को खास तव्वजो दी है, लेकिन यादव और मुस्लिम को संगठन में जगह नहीं मिली है.इससे एक बात साफ है कि बीजेपी की नजर बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के बजाय जनता दल यूनाइटेड के वोटबैंक पर नजर गढ़ाए हुए है, जिसके सहारे 2024 का लोकसभा चुनाव ही नहीं बल्कि 2025 की जंग भी फतह करने की स्ट्रैटेजी है? बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने 38 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जिसमें 12 उपाध्यक्ष, 6 महामंत्री, 12 मंत्री बनाए गए हैं. इसके अलावा बाकी नेताओं को प्रभारी और कार्यालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वही दूसरी तरफ बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने एनडीए सांसदों की मीटिंग के दौरान भाजपा के त्याग की याद दिलाई।
उन्होंने बिहार का जिक्र करते हुए कहा कि हमने ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करने के बाद भी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया, जो इसके लिए योग्य नहीं थे। उन्होंने कहा कि हमने ज्यादा सीटें हासिल कीं, लेकिन गठबंधन धर्म के लिए ऐसा किया गया। पीएम ने इस दौरान पंजाब का भी उदाहरण दिया, जहां भाजपा अकाली दल के साथ सत्ता में रही थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने कभी पंजाब में मुख्यमंत्री पद की मांग नहीं की है।
हालांकी आपको बताते चलें कि बिहार, दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों के एनडीए सांसदों से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने यह बात कही। उन्होंने सांसदों से यह भी कहा कि उन्हें सिर्फ उस जाति के लोगों के बीच ही नहीं रहना चाहिए, जिससे वह आते हैं। उन्हें कोशिश करनी चाहिए कि सभी जातियों के लोगों के साथ जुड़ें। दरअसल आपको जानकारी देते चले कि प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबी की कोई जाति नहीं होती। इसलिए सांसदों को चाहिए कि वे सभी वर्गों के उन लोगों से जुड़ें, जो वंचित हैं और गरीबी के शिकार हैं। इन दिनों वह लगातार सांसदों से मुलाकात कर रहे हैं।