कर्पूरी ठाकुर को कपटी ठाकुर कहने वाले लालू यादव पर बीजेपी ने बोला हमला,उनके नाम पर राजनीति करने वाले बताने लगे हैं अपना गुरु
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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और जननायक के नाम से लोकप्रिय नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर अब जमकर बयानबाजी शुरू हो गई है. मंगलवार (23 जनवरी) को केंद्र सरकार की ओर से हुई इस घोषणा के बाद जहां आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए कर्पूरी ठाकुर को अपना राजनीतिक और वैचारिक गुरु बता दिया तो वहीं अब बीजेपी हमलावर है.ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. निखिल आनंद ने बुधवार (24 जनवरी) को बयान जारी करते हुए न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया बल्कि प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए लालू प्रसाद यादव पर जमकर निशाना साधा।
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निखिल आनंद ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर भ्रष्टाचार, परिवारवाद और वंशवाद के खिलाफ थे, लेकिन बिहार के कुछ नेता कर्पूरी ठाकुर का नाम लेकर राजनीति करते हैं और उनको अपना आदर्श मानते हैं. भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे हुए हैं. परिवारवाद और वंशवाद की राजनीति कर रहे हैं.निखिल आनंद ने कहा कि कई दशकों से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की मांग की जा रही थी. कांग्रेस की सरकार में भी कई बार मांग हुई, लेकिन कांग्रेस सरकार ने यह नहीं किया. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर के शताब्दी वर्ष में भारत रत्न देकर अतिपिछड़ा समाज को गौरव प्रदान किया है. लालू यादव पर हमला करते हुए निखिल आनंद ने कहा कि आज जो लोग कर्पूरी ठाकुर को आदर्श मानते हैं वह बताएं कि वे कौन थे जिन्होंने कर्पूरी ठाकुर को कपटी ठाकुर का नाम दिया था? जब कर्पूरी ठाकुर ने अतिपिछड़ा समाज को आरक्षण दिया था तो उसका विरोध करने वाले वह कौन लोग थे यह भी बताना चाहिए.कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मंगलवार को लिखा, “मेरे राजनीतिक और वैचारिक गुरु स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न अब से बहुत पहले मिलना चाहिए था. हमने सदन से लेकर सड़क तक ये आवाज उठाई लेकिन केंद्र सरकार तब जागी जब सामाजिक सरोकार की मौजूदा बिहार सरकार ने जातिगत गणना करवाई और आरक्षण का दायरा बहुजन हितार्थ बढ़ाया. डर ही सही राजनीति को दलित बहुजन सरोकार पर आना ही होगा.”बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बारे कहा जाता है कि उन्होंने निजी तौर पर कर्पूरी ठाकुर को उन्हें ‘कपटी ठाकुर’ का उपनाम दिया था. वरिष्ठ पत्रकार संकर्षण ठाकुर ने अपनी किताब ‘ब्रदर्स बिहारी’ में इसका जिक्र किया है।