अशोक गहलोत-सचिन पायलट की जंग पर लगेगा पूर्णविराम!सुलह के रास्ते पर आलाकमान
कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली जीत के बाद देशभर में कांग्रेसी कार्यकर्ता एक बार फिर चार्ज हुए हैं और जश्न का माहौल लगातार जारी है लेकिन कांग्रेस की सरकार वाले राज्य राजस्थान में अभी भी तकरार के बादल छाए हुए हैं जहां पिछले 4 दिन से राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट अपनी सरकार के खिलाफ सड़कों पर हैं और जन संघर्ष पदयात्रा निकाल रहे हैं. पायलट ने पिछले गुरुवार को 125 किलोमीटर की यात्रा अजमेर से शुरू की जहां लगातार वह भ्रष्टाचार और पेपर लीक के मसलों पर हमलावर मोड में है.वहीं पायलट की इस यात्रा को 2023 के चुनावों से पहले दबाव की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है लेकिन कर्नाटक चुनावों के बाद एकजुटता की कमी को लेकर अब चर्चाएं तेज हो गई है. माना जा रहा है कि पायलट-गहलोत की खींचतान से कांग्रेस को राज्य में नुकसान हो सकता है.वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर आज बिहार की राजनीति में पूर्व नौकरशाहों को जगह मिल रही है।वही बता दें कि अब आईएएसएस और आईपीएस राजनीति में रुचि ले रहे हैं।हाल ही के दिनों में देखा गया था कि राजनीतिक विशेषज्ञ प्रशांत किशोर के जनसुराज में कई रिटायर्ड आईएएस और आईपीएस शामिल हुए हैं।वही दूसरी तरफ बड़ी खबरें सामने आ रही है।जहाँ अब राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने तामिलनाडु के पूर्व डीजीपी करुणासागर को पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोनीत किया है। हालांकि इस बात की जानकारी प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने दी है। पार्टी प्रवक्ता ने बताया कि करुणासागर ने पिछले दिनों राजद की सदस्यता ग्रहण की थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उन्हें बड़ी और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है।पार्टी कार्यालय में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। लालू प्रसाद के निर्देश पर 2024 और 2025 के चुनावों के मद्देनजर टीम को मजबूत किया जा रहा है।