आखिर प्रशांत किशोर और पप्पू यादव क्यों हुए हैं आमने-सामने ?जानिए पीछे की पूरी कहानी

 आखिर प्रशांत किशोर और पप्पू यादव क्यों हुए हैं आमने-सामने ?जानिए पीछे की पूरी कहानी
Sharing Is Caring:

बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा रद्द की लड़ाई प्रशांत किशोर और पप्पू यादव की हो गई है. एक तरफ प्रशांत किशोर जहां अभ्यर्थियों को लेकर अनशन कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शन करने वाले पप्पू यादव के निशाने पर पीके हैं. पप्पू ने प्रशांत किशोर को महाफ्रॉड राजनेता बताया है.दिलचस्प बात है कि पप्पू यादव और प्रशांत किशोर दोनों ही बिहार में तीसरी धुरी की राजनीति कर रहे हैं. दोनों के ही निशाने पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव रहे हैं, लेकिन बीपीएससी आंदोलन में दोनों एक-दूसरे से ही भिड़ गए.

1000461776

सवाल उठ रहा है कि दोनों के बीच शुरू हुई सियासी अदावत की आखिर वजह क्या है?13 दिसंबर 2024 को बिहार में बीपीएससी ने पीटी को लेकर पूरे बिहार में एग्जाम आयोजित करवाए थे. परीक्षा के दौरान ही पेपर लीक की खबरें सामने आई, जिसके बाद से ही राजनेताओं के निशाने पर बीपीएससी आ गया. बीपीएससी ने पूरे मसले पर सफाई देते हुए पेपर लीक की खबरों का खंडन किया.हालांकि, आयोग ने एक केंद्र पर फिर से परीक्षा कराने की बात कही. इधर, पटना में अभ्यर्थियों ने पेपर लीक का आरोप लगाकर परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन पर बैठ गए.दिसंबर के आखिर में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज कर दिया. लाठीचार्ज की घटना के बाद अभ्यर्थियों के इस प्रदर्शन में राजनीतिक दलों की भी एंट्री हो गई.राजनीतिक दलों की एंट्री की एक वजह बिहार में इस साल के आखिर में होने वाला विधानसभा का चुनाव है. बिहार में अक्टूबर-नवंबर में 243 सीटों पर विधानसभा के चुनाव होने हैं, जहां सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत होगी.पीके और पप्पू यादव आमने-सामने क्यों?सवाल प्रशांत किशोर और पप्पू यादव के आमने-सामने को लेकर है. सवाल इसलिए भी क्योंकि लोकसभा से ठीक पहले पप्पू यादव प्रशांत किशोर से मिले थे. प्रशांत किशोर के मुताबिक पप्पू ने उनसे चुनाव में मदद मांगी थी.पप्पू यादव 2024 के लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट से निर्दलीय उतरे थे. उन्होंने इस चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जेडीयू के संतोष कुशवाहा को करीब 23 हजार वोटों से हराया.पीके और पप्पू के बीच की सियासी अदावत के पीछे उदय सिंह को माना जा रहा है. उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह बिहार की सियासत में बड़ा नाम हैं. सिंह 2004 से 2014 तक पूर्णिया के सांसद रहे हैं.2014 और 2024 में सिंह पूर्णिया सीट से हार गए. 2024 में उदय सिंह कांग्रेस और बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनका राजनीतिक पुनर्वास नहीं हो पाया. सिंह अब पर्दे के पीछे से प्रशांत किशोर के साथ हैं.हाल ही में पीके की वैनिटी वैन ने बिहार की सियासत में खूब सुर्खियां बटोरी है. यह वैन पीके को उदय सिंह ने ही दी है. इतना ही नहीं, पीके पटना में जिस शेखपुरा आवास में रहते हैं, वो भी उदय सिंह का ही है.पीके से जुड़े लोगों का कहना है कि पप्पू यादव जब मदद मांगने आए, तब पीके ने उनकी कोई मदद नहीं की. अब पीके उदय सिंह के साथ हैं, जो पूर्णिया की सियासत में बड़ा नाम है. 72 साल के उदय सिंह के नाम से करीब 10 कंपनियां रजिस्ट्रर्ड है.दूसरी तरफ पप्पू यादव हालिया चुनाव में सिर्फ 23 हजार वोटों से जीतकर सदन पहुंचे हैं. पूर्णिया से लड़ने की वजह से पप्पू के रिश्ते लालू परिवार से भी खराब हो चुके हैं. पप्पू अब हर हाल में पूर्णिया को मजबूत किला बनाए रखना चाह रहे हैं.यादव और मुस्लिम बहुल पूर्णिया में कुशवाहा, राजपूत और मंडल वोट अहम फैक्टर हैं. आने वाले वक्त में पीके के जरिए उदय सिंह या उनके परिवार से कोई मैदान में आता है, तो पप्पू की राह आसान नहीं रहने वाला है.यही वजह है कि पीके को अभी से पप्पू यादव निशाने पर ले रहे हैं. वहीं बिहार की सियासत में एक चर्चा यह भी है कि पप्पू इसके जरिए लालू परिवार को भी साधने की कोशिश कर रहे हैं.

Comments
Sharing Is Caring:

Related post