जानिए क्या है महिला दिवस का इतिहास,क्यों मनाया जाता है ऐसे?

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नए दौर में महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने के साथ उन्हें खास और स्पेशल महसूस कराने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. हर महिला के लिए ये दिन खास है, क्योंकि इस दिन उनके समान अधिकार और सशक्तिकरण के प्रयास में दुनिया भर में तरह-तरह के प्रोग्राम किए जाते हैं. हमारे देश में तो हमेशा ही मातृशक्ति को पूजा जाता है. ऐसे में भारत के साथ-साथ दुनिया के हर कोने में महिलाओं और उनके अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर बात की जाती है, लेकिन क्या आपको पता है कि सबसे पहले महिला दिवस किसने मनाया और कहां पर मनाया गया. चलिए महिला दिवस के दिलचस्प इतिहास पर बात करते हैं.

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साथ ही जानेंगे कि इस साल यानी 2025 में वीमेंस डे की थीम क्या है।कहा जाता है कि सबसे पहले महिला दिवस 1909 में मनाया गया था.28 फरवरी को अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने औरतों को सम्मान देने के लिए को महिला दिवस मनाया था.उस वक्त अमेरिका और यूरोप में श्रमिक आंदोलन चल रहे थे.ऐसे में श्रमिक महिलाओं ने मांग रखी कि उनके काम के घंटों की सीमा तय होनी चाहिए.कई जगह ये भी कहा जाता है कि 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने इसे मनाया.रूसी महिलाओं ने रोटी और शांति की मांग करते हुए विश्व युद्ध की खिलाफत की थी.कहा जाता है कि महिलाओं के इसी आंदोलन के बाद रूसी क्रांति को चिंगारी मिली और जार को रूस का शासन छोड़ना पड़ा.आधिकारिक तौर पर दुनिया ने सबसे पहली बार वीमेंस डे 1975 में मनाया था.यूनाइटेड नेशन यानी संयुक्त राष्ट्र ने 8 मार्च के दिन को दुनिया भर की महिलाओं को समर्पित किया था.इसके दो साल बाद यानी 1977 में संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली ने आठ मार्च को आधिकारिक तौर पर वीमेंस डे घोषित किया।जनरल असेंबली के सभी सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगाई थी।

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