संभल मस्जिद मामले में निचली अदालत के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया स्टे,6 जनवरी को अब होगी अगली सुनवाई

संभल मस्जिद को लेकर आए निचली अदालत के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया है. साथ ही कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को कहा है कि वो निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर करें. कोर्ट ने कहा है कि जब तक मामला हाई कोर्ट में रहेगा तब तक निचली अदालत कोई एक्शन न ले. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट कमीशन को अपनी सर्वे रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में जमा करने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 6 जनवरी को करेगा.इस मामले को सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ सुना. इस दौरान शीर्ष अदालत ने निचली अदालत के पर आपत्तियां जताई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को 8 जनवरी तक मस्जिद सर्वे के संबंध में कोई भी आगे की कार्रवाई करने से परहेज करने का निर्देश दिया है.

ऐसा इसलिए क्योंकि निचली अदालत में इस मामले की सुनवाई के लिए 8 जनवरी की तारीख तय की गई है. शुक्रवार यानी 29 नवंबर को ही सर्वे रिपोर्ट पेश होनी थी, लेकिन वो नहीं की गई. अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, एडवोकेट कमीशन सीलबंद लिफाफे में सर्वे रिपोर्ट पेश करेंगे.वहीं, अपनी सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से कहा कि अपील दायर होने के 3 दिन के अंदर सुनवाई करें. कोर्ट ने साफ कहा है कि वह शांति और सद्भाव चाहता है.सीजेआई ने कहा कि हमें आदेश पर कुछ आपत्तियां हैं, लेकिन क्या यह हाई कोर्ट में अनुच्छेद 227 के क्षेत्राधिकार के अधीन नहीं है. इसे लंबित रहने दें. हम शांति और सद्भाव चाहते हैं. आप दलीलें दाखिल करें, तब तक निचली अदालत कोई कार्रवाई नहीं करे. वकील विष्णु जैन ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की अगली तारीख 8 है. सीजेआई ने संभल जिला प्रशासन से कहा ने शांति और सद्भाव सुनिश्चित किया जाना चाहिए. हम इसे लंबित रखेंगे, हम नहीं चाहते कि कुछ हो. मध्यस्थता अधिनियम की धारा 43 देखें और देखें कि जिलों को मध्यस्थता समितियां बनानी चाहिए. हमें बिल्कुल तटस्थ रहना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि कुछ भी अप्रिय न हो.CJI ने कहा कि हम केस की मेरिट पर नहीं जा रहे हैं. याचिकाकर्ताओं को आदेश को चुनौती देने का अधिकार है. यह आदेश 41 के अंतर्गत नहीं है इसलिए आप प्रथम अपील दायर नहीं कर सकते. इस मामले में अगली सुनवाई 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट करेगा.शाही जामा मस्जिद का रखरखाव करने वाली कमेटी ने इस याचिका में सिविल जज के 19 नवंबर के एकपक्षीय आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. समिति ने याचिका में कहा है कि 19 नवंबर को मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका संभल कोर्ट में दायर हुई. उसी दिन सीनियर डिविजन के सिविल जज ने मामले को सुना और मस्जिद समिति का पक्ष सुने बिना सर्वे के एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर दिया. एडवोकेट कमिश्नर 19 की शाम ही सर्वे के लिए पहुंच भी गए और 24 को फिर सर्वे हुआ।