इकोनॉमिक सर्वे में हुआ खुलासा,प्रत्येक वर्ष 78 लाख लोगों को मिलेगी नौकरी!

 इकोनॉमिक सर्वे में हुआ खुलासा,प्रत्येक वर्ष 78 लाख लोगों को मिलेगी नौकरी!
Sharing Is Caring:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया है. बता दें कि आर्थिक सर्वेक्षण पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की एक व्यापक समीक्षा या वार्षिक रिपोर्ट होती है. भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के देखरेख में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग इसे तैयार करता है. इस वर्ष का दस्तावेज़ बजट घोषणा से एक दिन पहले 22 जुलाई को जारी किया गया था. यह सरकार के आर्थिक प्रदर्शन, प्रमुख विकास कार्यक्रमों और नीतिगत पहलों के बारे में पूरी डिटेल बताता है. इसके अलावा आने वाले वित्त वर्ष का लेखा-जोखा भी प्रदान करता है.आर्थिक सर्वेक्षण को पहले लोकसभा में फिर संसद के बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया जाता है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि बढ़ती वर्कफोर्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को नॉन-एग्रीकल्चर सेक्टर में 2030 तक सालाना औसतन लगभग 78.5 लाख नौकरियां पैदा करने की जरूरत है. मतलब ये कि अगर इकोनॉमी की ग्रोथ बनाए रखनी है तो हर साल औसतन 78 लाख लोगों को रोजगार के मौके देने होंगे, जिससे डिमांड एंड सप्लाई में कमी नहीं आएगी और संतुलन बना रहेगा.इतनी रह सकती है विकास दरवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इकोनॉमिक सर्वे पेश करते हुए कहा कि ये वित्त वर्ष 2023-24 का इकोनॉमिक सर्वे है. इस सर्वे में जीडीपी ग्रोथ, महंगाई, रोजगार, फिस्कल डेफिसिट समेत कई आंकड़ों को शामिल किया है. उन्होंने कहा कि देश की इकोनॉमी बेहतर स्थिति में है, वो भी तब जब दुनिया जियो पॉलिटिकल टेंशन से जूझ रही है. उन्होंने जानकारी देते हुए कि मौजूदा वित्त वर्ष में देश की ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी से लेकर 7 फीसदी पर रह सकती है. जबकि बीते वित्त वर्ष में देश की ग्रोथ रेट 8.2 फीसदी देखने को मिली थी. वैसे सरकार ने जो अनुमान दिया है वो आरबीआई के 7.2 फीसदी के अनुमान से कम है.

Comments
Sharing Is Caring:

Related post