हमने दस ही दिन में पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्टाइक की,अमित शाह की सामने आई दहाड़

 हमने दस ही दिन में पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्टाइक की,अमित शाह की सामने आई दहाड़
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राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए अपना संबोधन शुरू किया. उन्होंने कहा,देश की आजादी के बाद देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए जिन जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया है, उनको मैं श्रद्धांजलि देता हूं. शहीदों के परिवारों को भी धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने अपने बेटों को देश की सुरक्षा के लिए भेजा. गृह मंत्रालय बहुत विषम परिस्थितियों में काम करता है. सरहदी सुरक्षा और आतंरिक सुरक्षा गृह मंत्रालय में आती है. मगर कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी जब राज्यों की होती है तो अब ऐसी परिस्थिति खड़ी होती है, कई मामले में केवल राज्यों की सीमा तक सीमित नहीं होते हैं.अमित शाह ने कहा, कई अपराध ऐसे होते हैं, जो देश की सीमा के बाहर भी हमारे देश के खिलाफ होते हैं. इसको देखते हुए गृह मंत्रालय में परिवर्तन भी जरूरी होते हैं. मैं धन्यवाद देता हूं पीएम मोदी को जिन्होंने परिवर्तन करके देश को मजबूत किया है. जब गृह मंत्रालय की चर्चा होती है तब देश में 2014 के पहले से कई सारे मुद्दे थे, जो मोदी सरकार को मिले. इस देश का विकास तीन समस्याओं की वजह से रुका था. ये नासूर थे, जो देश की शांति में खलल डाल रहे थे.

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शाह ने इन तीन मुद्दों का बताया नासूरगृह मंत्री ने कहा, जम्मू कश्मीर की समस्या (आतंकवाद), वामपंथी उग्रवाद और तीसरी समस्या थी नॉर्थ ईस्ट का उग्रवाद. इन समस्याओं के कारण चार दशक में देश के करीब 92 हजार नागरिक मारे गए. कश्मीर में पड़ोसी देश से आए दिन आतंकी घुसते थे, हमले करते थे. एक भी त्योहार ऐसा नहीं होता था जो चिंता के बिना गुजरा हो. पहले की सरकारें चुप्पी साध जाती थीं. मगर, मोदी सरकार में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ काम हुआ.उन्होंने कहा, हमारे सत्ता में आने के बाद उड़ी और पुलवामा में हमले भी हुए, लेकिन हम चुप रहने वालों में नहीं थे. हमने दस ही दिन में पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्टाइक की. पूरी दुनिया में दो ही देश (इजराइल और अमेरिका) ऐसे थे जो अपनी सीमा और सेना के लिए हर स्तर पर तत्पर रहते थे. इस लिस्ट में भारत का नाम जुड़ा है. ये पीएम मोदी के नेतृत्व में हुआ है.गृह मंत्री ने कहा, अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के युवाओं ने आतंकवाद की ओर न जाने का फैसला लिया है. दस साल पहले आतंकवादियों का महिमामंडन आम बात थी और उनके जनाजे निकाले जाते थे. मगर, अब जब आतंकवादी मारे जाते हैं तो उन्हें वहीं दफना दिया जाता है. आतंकवादियों के रिश्तेदार जो कभी सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाते थे, उन्हें सरकारी पदों से हटा दिया गया है, ताकि कड़ा संदेश दिया जा सके.अमित शाह ने राज्यसभा में कहा,एक देश में दो निशान, दो प्रधान और दो विधान नहीं होंगे. कैसे हो सकते हैं. देश में एक ही प्रधानमंत्री हो सकता है, एक ही विधान और देश का झंडा भी एक ही हो सकता है. मगर, ये प्रथा कई सालों तक चलाई गई. 5 अगस्त 2019 को हमने अनुच्छेद-370 हटाया और एक निशान, एक विधान और एक प्रधान का नया दौर शुरू हुआ. हमने कश्मीर को हमेशा के लिए भारत के साथ जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की.मोदी सरकार ने संविधान निर्माताओं के ‘एक संविधान, एक ध्वज’ के सपने को पूरा किया. मोदी सरकार में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में होने वाली मौतों में 70 फीसदी की कमी आई है. आतंकी वारदातें तेजी से कम हुईं हैं. कश्मीर में सिनेमा हॉल अब शाम में भी खुले रहते हैं. कश्मीर में जी-20 की बैठक हुई और मुहर्रम का जुलूस भी निकला.गृह मंत्री ने बताया, जम्मू कश्मीर में 2019-24 के दौरान 40 हजार सरकारी नौकरियां दी गईं. सरकार की औद्योगिक नीति के चलते जम्मू कश्मीर में 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ. इतना ही नहीं 1.1 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए.गृह मंत्री ने कहा, वामपंथी उग्रवाद को राजनीतिक समस्या बताया गया. 31 मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद समाप्त हो जाएगा. 2023 दिसंबर में छत्तीसगढ़ में शासन बदला और भाजपा की सरकार आई. इसके एक साल के अंदर ही 380 नक्सली मारे गए. इसमें कल के 30 जोड़ना बाकी हैं.1 हजार 194 नक्सली गिरफ्तार हुए और 1 हजार 45 नक्सलियों ने सरेंडर किया.सत्ता बदलने के समय नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 थी. इसमें से अब 12 ही जिले बचे हैं. 31 मार्च 2026 तक इसे हम शून्य तक पहुंचाएंगे.उन्होंने कहा, हमने नक्सलियों की कमर तोड़ने का काम किया है. उनके मददगारों को खत्म किया है. सुरक्षाबलों के 504 कैंप बनाए. इस साल दिसंबर से पहले पूरा नक्सल एरिया मोबाइल कनेक्टिविटी से लैस होगा. हमने हाईवे बनाए, आदिवासी युवाओं को सुरक्षाबलों में शामिल किया गया. यही वजह है कि आज नक्सलवाद सिमटता जा रहा है. नकस्लवाद के खिलाफ ऑपरेशन चलाने के साथ ही हमने सरेंडर के लिए लचीली पॉलिसी बनाई.पूर्वोत्तर की समस्या पर बोलते हुए गृह मंत्री ने कहा, ये समस्या भी खत्म होने की कगार पर है. हिंसक घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है. पिछले 5 साल में 12 शांति समझौते हुए हैं. 10 हजार से ज्यादा युवाओं ने हथियार डाले हैं और मुख्यधारा में लौटे हैं. मैं बोडोलैंड गया हूं, वहां के हजारों युवा विकास के काम में जुटे हैं. असम में 5 लाख करोड़ के निवेश का समझौता हुआ है. मिजोरम से भागकर त्रिपुरा में किसी तरह जिंदगी बसर करने वाले आदिवासी भाइयों के लिए ब्रू रियांग समझौता किया, उनको घर और रोजगार के मौके दिए. पूर्वोत्तर की तरक्की के रास्ते खोले हैं. दिल्ली और पूर्वोत्तर के बीच दिलों की दूरी कम हुई है. ये सब पीएम मोदी के नेतृत्व में हुआ है.

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