NIA के सामने तहव्वुर राणा ने खोले कई गहरे राज,भारत सरकार जल्द लेगी बड़ा फैसला!

 NIA के सामने तहव्वुर राणा ने खोले कई गहरे राज,भारत सरकार जल्द लेगी बड़ा फैसला!
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आतंकी तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद भारत लाया गया है और एनआईए उससे पूछताछ कर रही है। एनआईए की शुरुआती पूछताछ में राणा ने कई खुलासे किए हैं। उसके कई बयानों की पुष्टि हुई है जिसमें ये पता चला है कि राणा का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चिंचबुतुनी में हुआ। राणा को अपनी वर्दी और भारत विरोधी भावनाओं का जुनून है, इसलिए वह साजिद मीर, मेजर इकबाल और अन्य से मिलने के लिए पाकिस्तानी सेना की वर्दी या छद्म पोशाक पहनता है। वह सेना छोड़ने के बाद पाकिस्तानी सेना/पाक आईएसआई के साथ लश्कर के कैंप और हुजी इलाके में गया था।पूछताछ में तहव्वुर ने बताया कि उसके पिता का नाम राणा वली मोहम्मद है, जो स्कूल में प्रिंसिपल हैं। उसके दो भाई हैं, जिसमें से एक पाकिस्तानी सेना में मनोचिकित्सक है और दूसरा भाई पेशे से पत्रकार है।राणा ने पाकिस्तान के हसन अब्दाल के कैडेट कॉलेज में पढ़ाई की, यहीं उसकी मुलाकात हेडली से हुई। यह स्कूल पाकिस्तानी सेना के जनरल अयूब खान ने बनाया था। तहव्वुर राणा की पत्नी भी डॉक्टर हैं और वह 1997 में पत्नी के साथ राणा कनाडा शिफ्ट हो गया था। तहव्वुर राणा ने इमिग्रेशन सर्विस और हलाल स्लॉटर हाउस भी स्थापित किया।तहव्वुर राणा ने हेडली को न केवल वीजा दिलाने में मदद की, बल्कि उसके मुस्लिम धर्म और पाकिस्तानी मूल को भी छुपाया और भारत में रहने के दौरान उसे व्यापारी और सैन्य समुदाय में घुलने-मिलने में मदद की। तहव्वुर राणा ने कराची से फ्लाइट पीके247 के टिकट बनवाए और हेडली को मुंबई के लिए सभी ऑपरेशन और लॉजिस्टिक्स जरूरतों के लिए संपर्क या कर्मचारी “बी” दिया। इस “बी” को उनके आतंकी कृत्य के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, उसे केवल उसके इमिग्रेशन वर्ल्ड के बारे में पता था।इसी कर्मचारी “बी” ने हेडली के लिए रिसेप्शन, कन्वेयंस, लॉजिंग, ऑफिस कम रेजीडेंस की व्यवस्था की। अब एनआईए तहव्वुर राणा से “बी” का सामना कराने की भी योजना बना रही है। “बी” की मदद से हेडली ने वोडाफोन का नंबर भी ले लिया है। तहव्वुर राणा ने हेडली की मोरक्को की पत्नी फैजा औताला के लिए भी एक पेपर बनवाया।आतंकी तहव्वुर राणा 18 दिनों की हिरासत में लिया गया है और उससे पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई, हमले में शामिल अन्य सहयोगियों और मुंबई के अलावा किन-किन शहरों को निशाना बनाने की साजिश रची गई थी, इन सारे मामलों में पूछताछ की जाएगी। इसके साथ ही राणा का आमना-सामना एक मिस्ट्री गवाह से भी करवाए जाने की बात कही जा रही है। इसी मिस्ट्री गवाह ने साल 2006 में डेविड कोलमैन हेडली का मुंबई में स्वागत किया था और उस समय तहव्वुर राणा का भी यह बेहद खास था।

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