सपा का बदला चुनाव चिन्ह,जम्मू-कश्मीर में मिला लैपटॉप छाप
सपा को उत्तर प्रदेश के दायरे तक सीमित नहीं रखने के बजाय राष्ट्रीय फलक पर पहचान दिलाने के लिए अखिलेश यादव लगातार कोशिश कर रहे हैं. इस प्लान के तहत अखिलेश ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन यूपी में सपा का परंपरागत चुनाव निशान साइकिल जम्मू-कश्मीर में लैपटॉप बन गया. राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा न होने के चलते सपा को कश्मीर में लैपटॉप चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है. ऐसे में देखना है कि बदले हुए चुनाव निशान से अखिलेश यादव कितना सपा का भाग्य कश्मीर में बदल पाते हैं?जम्मू-कश्मीर के पहले चरण की 24 सीटों पर भले ही चुनाव हो गए हैं, लेकिन सपा का असल इम्तिहान दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव में है. सपा दूसरे और तीसरे चरण की 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. दूसरे चरण में सपा कश्मीर रीजन की 10 और जम्मू क्षेत्र की पांच सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इसके अलावा तीसरे चरण में पांच सीटों पर किस्मत आजमा रही है।
दूसरे चरण के लिए 25 सितंबर और तीसरे चरण के लिए एक अक्टूबर को मतदान है, जहां पर सपा की अग्नि परीक्षा होनी है।राष्ट्रीय पार्टी न होने के चलते समाजवादी पार्टी को उसका परंपरागत चुनाव निशान साइकिल नहीं मिल सकी. इसके चलते सपा के ज्यादातर उम्मीदवारों ने लैपटॉप को चुनाव-चिन्ह के तौर पर चुना है. अखिलेश यादव ने 2012 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में लैपटॉप देने का वादा किया था. सत्ता पर काबिज होने के बाद अखिलेश यादव ने मुफ्त में लैपटॉप बांटने का काम 12वीं में पास छात्रों को किया था. दो साल में 27 लाख से अधिक लैपटॉप वितरित किए गए थे. इस तरह अखिलेश यादव के लैपटॉप यूपी के घर-घर तक पहुंच गए थे लेकिन क्या कश्मीर की सियासत में लैपटॉप के चुनाव निशान के सहारे करिश्मा दिखा पाएंगे?