बिहार में जातिगत जनगणना पर फंसा पेंच,SC में आज होगी सुनवाई

 बिहार में जातिगत जनगणना पर फंसा पेंच,SC में आज होगी सुनवाई
Sharing Is Caring:

बिहार में जातिगत जनगणना की वैधता को बरकरार रखने के पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। हाईकोर्ट ने जातिगत जनगणना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं एक अगस्त को खारिज कर दी थी। इस जातिगत जनगणना का आदेश पिछले साल दिया गया था और यह इस साल शुरू कर दिय गया।शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार, हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली गैर सरकारी संगठन ‘एक सोच एक प्रयास’ की याचिका न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ के समक्ष सात अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। SupremeCourtofIndiaएनजीओ की याचिका के अलावा हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ एक अन्य याचिका शीर्ष अदालत में दायर की गई है। वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर आज रेलवे होटल के टेंडर से जुड़ी आईआरसीटीसी घोटाला मामले में आज फिर सुनवाई होने वाली है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होगी। आज मामले के सह आरोपियों पर चार्जफ्रेम करने के मुद्दे पर बहस होने वाली है। इस मामले में सीबीआई चार्जशीट दाखिल कर चुकी है जिसमें लालू यादव और उनके परिवार के कई सदस्य अभियुक्त हैं। डिप्टी सीए तेजस्वी यादव पर भी सीबाईआई ने आरोप पत्र दायर लालू प्रसाद से 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते यह घोटाला हुआ था। रेलवे के होटलों के संचालन का जिम्मा आईआरसीटीसी को दे दिया गया था। टेंडर अवार्ड करने में भारी राशि और अन्य संपत्तियों के लेनदेन का आरोप लगाया गया। सीबीआई इस हाई प्रोफाइल केस की जांच कर रही है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 7 अगस्त को निर्धारित की थी। वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर आज लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान की चाहत है कि बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट से उनकी मां रीना पासवान चुनाव लड़ें. राजनीतिक गलियारों में चिराग की इस टिप्पणी को महज चाहत नहीं बल्कि सोचे-समझे दांव के तौर पर देखा जा रहा है, supreme court nitish kumar biharजहां वो अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को चुनौती देने का नया पैंतरा चल रहे हैं. साथ ही अपने पिता के हाजीपुर क्षेत्र पर अपना उत्तराधिकार साबित करने का प्रयास कर रहे हैं.बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट रामविलास पासवान के गढ़ के रूप में पहचानी जाती थी. अब ये सीट पासवान परिवार के लिए ही रण बनती जा रही है. इस सीट से मौजूदा सांसद पशुपति कुमार पारस एक बार फिर लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके पीछे उनका तर्क है कि रामविलास पासवान ने ही उन्हें इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए कहा था और रामविलास उन्हें ही अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी मानते थे.

Comments
Sharing Is Caring:

Related post