आइलैंड में ब्राउन यूनिवर्सिटी का दौरा करेंगे राहुल गांधी,अमेरिका में हुआ स्वागत

 आइलैंड में ब्राउन यूनिवर्सिटी का दौरा करेंगे राहुल गांधी,अमेरिका में हुआ स्वागत
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कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अमेरिका पहुंच गए हैं। यहां बोस्टन में कांग्रेस ओवरसीज प्रमुख सैम पित्रोदा ने उनका स्वागत किया और गांधी को “युवाओं, लोकतंत्र और बेहतर भविष्य की आवाज” बताया। एक्स पर एक पोस्ट में पित्रोदा ने लिखा, “युवाओं, लोकतंत्र और बेहतर भविष्य की आवाज़। राहुल गांधी, आपका अमेरिका में स्वागत है! आइए सुनें, सीखें और साथ मिलकर निर्माण करें।”बता दें कि राहुल गांधी अपनी यात्रा के दौरान, राहुल गांधी रोड आइलैंड में ब्राउन यूनिवर्सिटी का दौरा करेंगे, जहाँ वे संकाय सदस्यों और छात्रों से बातचीत करेंगे। इसके अलावा एनआरआई समुदाय के सदस्यों, पदाधिकारियों और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (आईओसी) के सदस्यों से भी बातचीत करने की उम्मीद है। कांग्रेस नेता पान खेड़ा ने एक्स पर एक पोस्ट में राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए कहा, “पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 21 और 22 अप्रैल को संयुक्त राज्य अमेरिका के रोड आइलैंड में ब्राउन यूनिवर्सिटी का दौरा करेंगे।

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वे वहां एक भाषण देंगे और संकाय सदस्यों व छात्रों से बातचीत करेंगे।”हाल के महीनों में यह राहुल गांधी की यह दूसरी अमेरिकी यात्रा है। इससे पहले सितंबर 2024 में भी वह अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर थे। अपनी यात्रा के दौरान वे डलास गए थे, जहाँ उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत की और प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। डलास से, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी वाशिंगटन, डी.सी. गए, जहाँ उन्होंने जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत की। लोकसभा में विपक्ष के नेता बनने के बाद यह राहुल गांधी की पहली अमेरिका यात्रा है।राहुल गांधी विदेश जाने पर मोदी सरकार पर काफी हमलावर हो जाते हैं। अपनी पिछली यात्रा में उन्होंने भारत में मोदी सरकार द्वारा आरक्षण प्रणाली को खत्म करने की योजना बनाने का दावा किया था। उनकी इस टिप्पणी के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया था। उन्होंने जाति जनगणना की आवश्यकता पर यह तर्क देते हुए भी जोर दिया था कि देश की 90 प्रतिशत आबादी – ओबीसी, दलित और आदिवासी है। मगर इसके बावजूद उनके पास पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है, जिसे उन्होंने “कमरे में हाथी” के रूप में वर्णित किया। गांधी ने कहा, “जब हम संस्थाओं, व्यवसायों और मीडिया पर कब्जे की बात करते हैं, तो मुद्दा यह है कि भारत के 90 प्रतिशत ओबीसी, दलित, आदिवासी लोग क्या इस देश का हिस्सा ही नहीं हैं। यह वास्तव में मुद्दा है।

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