कांग्रेस और नीतीश के बीच हुए मतभेद पर बोले प्रशांत किशोर,चार महीने की उपलब्धि पर उठाए सवाल

सीपीआई की रैली में दो नवंबर को सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि कांग्रेस का इंडिया गठबंधन पर इन दिनों ध्यान नहीं है. वो पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इट्रेस्टेड है. इसके बाद खबर सामने आई थी कि नीतीश कुमार से मल्लिकार्जुन खरगे ने फोन पर बातचीत की थी. अब इस पूरे मसले पर चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का बयान सामने आया है.रविवार (05 नवंबर) को बयान जारी करते हुए पीके ने कहा कि आप बिना किसी नैरेटिव के, बिना किसी विचारधारा के, बिना किसी कार्यक्रम के आप अलग-अलग दलों के नेताओं को एक साथ बैठा देंगे. नेता या दल एक साथ चाय पी सकते हैं, नाश्ता कर सकते हैं, इसके बाद प्रेस वार्ता भी कर सकते हैं, लेकिन उससे जमीन पर कोई असर नहीं हो सकता है. पिछले दो सालों से मैं बता रहा हूं कि नेताओं के साथ बैठ जाने से गठबंधन की ताकत नहीं बनती है.मधुबनी के जयनगर में पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि इंडिया गठबंधन में जो आपस में खींचतान दिख रही है वो तो होना ही होना है।

इस गठबंधन ने अपना कॉमन मिनिमम प्रोग्राम शुरू नहीं किया है जिसे जनता समझ पाए. यही वजह है कि आप जो देख रहे हैं कि नीतीश कुमार ने दो दिन पहले कहा था कि कांग्रेस सीरियस नहीं है. अखिलेश यादव ने इससे पहले मध्य प्रदेश की घटनाओं पर अपनी राय रखी थी. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा आपको ये विरोधाभास और अधिक देखने को मिलेगा.प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर आपके पास नैरेटिव नहीं है और जमीन पर जनता से जुड़ने के लिए मुद्दे नहीं हैं तो आपको राजनीतिक सफलता नहीं मिल सकती है. इंडी अलायंस की पिछले चार महीने में क्या उपलब्धि है? ये दल तीन बार मिले हैं और अपना नाम यूपीए से बदल कर I.N.D.I.A कर दिया है. इसके बाद न कोई कार्यक्रम घोषित किया गया न ही कोई जमीन पर कार्यक्रम हुआ. न कोई नेता का एलान किया, न कोई कमेटी बनाई, न कोई जनमानस के मुद्दे पर आंदोलन शुरू किया, तो अभी तो स्थिति यही है।