वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर बिहार से छिड़ी राजनीति,मुसीबत में फंसे नीतीश कुमार!

वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए पटना के बापू सभागार में 24 नवंबर को बड़े जलसे का आयोजन किया है. इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर मौलाना अरशद मदनी शामिल होंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी इसमें आमंत्रित किया गया है. राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद, जो मुस्लिम समुदाय के बड़े हिमायती माने जाते हैं उनको निमंत्रण नहीं भेजा गया. वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के इर्द-गिर्द मची सियासी हलचल, राजनीतिक समीकरणों को नया मोड़ दे सकती है।राजनीति के जानकारों का मानना है कि नीतीश कुमार के लिए यह सम्मेलन कठिन स्थिति पैदा कर सकता है. अगर वह सम्मेलन में भाग लेते हैं, तो यह भाजपा को नाराज कर सकता है. वहीं, इसमें शामिल न होने से उनकी मुस्लिम समर्थक छवि को नुकसान पहुंच सकता है. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नीतीश कुमार इस सियासी कशमकश के बीच कोई नया राजनीतिक संदेश देते हैं या सम्मेलन से दूरी बनाए रखते हैं।

जमीयत उलेमा बिहार के तत्वावधान में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के खिलाफ हल्ला बोल की तैयारी है. देशभर से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को आमंत्रित किया गया है. जमीयत उलेमा से जुड़े तमाम कार्यकर्ता भी बिहार पहुंचेंगे. एक तरह से अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से शक्ति प्रदर्शन की कवायद होगी. राजनीति के जानकारों का मानना है कि जमीयत उलेमा, नीतीश कुमार के सहारे केंद्र पर दबाव बनाना चाहता है. क्योंकि, अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होना है।