देश में परिवारवाद आज भी है,शशि थरूर ने किया बड़ा हमला

 देश में परिवारवाद आज भी है,शशि थरूर ने किया बड़ा हमला
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कांग्रेस नेता शशि थरूर अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. एक बार फिर उन्होंने वंशवाद को लेकर बयान दिया है. इससे कांग्रेस के भीतर सियासी पारा बढ़ना तय माना जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि शशि थरूर ने कहा कि वंशवादी राजनीति भारत के लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा है. अब समय आ गया है कि भारत वंशवाद की जगह योग्यता को जगह दी जाए. बीजेपी ने थरूर के इस लेख के बाद उन्हें खतरों का खिलाड़ी बताया है.शशि थरूर ने वंशवाद को लेकर अपनी बात प्रोजेक्ट सिंडिकेट में लिखे लेख में कही हैं. उन्होंने कहा कि आज के समय में भारत के हर राजनीतिक दल में वंशवाद है. हर कोई अपने वंश को ही आगे बढ़ाने में लगा हुआ है. ये एक तरह से गलत है. ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसा करने से शासन की गुणवत्ता प्रभावित होती है. ऐसा होने से लोकतंत्र का वास्तविक वादा पूरा ही नहीं हो पाता है.थरूर ने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार कांग्रेस से जुड़ा है, लेकिन वंशवादी उत्तराधिकार पूरे राजनीतिक परिदृश्य में व्याप्त है.

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सच कहें तो, ऐसी वंशवादी राजनीति पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचलित है. उन्होंने पाकिस्तान में भुट्टो और शरीफ, बांग्लादेश में शेख और जिया परिवार, और श्रीलंका में भंडारनायके और राजपक्षे परिवार का उदाहरण भी दिया है.शशि थरूर ने साल 2022 में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा था. हालांकि इस चुनाव में सफल नहीं हो पाए हैं. थरूर ने कहा कि चयन प्रक्रियाएं अस्पष्ट होती हैं. इसका फैसला एक छोटे गुट या फिर अकेले नेता द्वारा किया जाता है. उन्होंने आगे कहा कि परिणामस्वरूप, भाई-भतीजावाद आमतौर पर योग्यता पर भारी पड़ता है. बोलबाला है, बीजू पटनायक के निधन के बाद, उनके बेटे नवीन ने अपने पिता की खाली लोकसभा सीट जीती थी. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र स्थित शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने यह पद अपने बेटे उद्धव को सौंप दिया, जिनके अपने बेटे आदित्य स्पष्ट रूप से इंतज़ार कर रहे हैं.“यही बात समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर भी लागू होती है, जो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और जिनके बेटे अखिलेश यादव बाद में उसी पद पर रहे हैं. अखिलेश अब सांसद और पार्टी के अध्यक्ष हैं. इसी तरह देश के लगभग हर राज्य में ऐसा ही है. थरूर ने कहा कि यह केवल कुछ ही परिवारों तक सीमित नहीं है. बल्कि गांव से लेकर देश के सबसे बड़े पदों तक फैला हुआ है. थरूर ने ज़ोर देकर कहा कि वंशवादी राजनीति भारतीय लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा है.शशि थरूर ने कहा कि अब समय आ चुका है कि भारत में राजवंश की जगह योग्यता को अपनाया जाए. इसके लिए बुनियादी सुधारों की आवश्यकता होगी. इसके कानूनी रूप से अनिवार्य कार्यकाल सीमा लागू करने से लेकर सार्थक आंतरिक पार्टी चुनावों की आवश्यकता तक पर जोर देना होगा. इसके साथ ही मतदाताओं को योग्यता के आधार पर चुनाव करना होगा.शशि थरूर के इस लेख के बाद बीजेपी कांग्रेस और गांधी पर परिवार पर सवाल खड़े कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के कई नेता पार्टी और गांधी परिवार के सपोर्ट में उतर आए हैं. बीजेपी ने कांग्रेस नेता शशि थरूर को खतरों का खिलाड़ी बताया है. बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा शशि थरूर ने एक अच्छा लेख लिखा है. उन्होंने बताया कि आज भारतीय राजनीति कैसे व्यवसाय बन गई है.

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