जमीन पर नहीं दिख रहा है राम मंदिर का असर,बोली कांग्रेस

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कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी 1999 से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बहरामपुर से जीत हासिल कर रहे हैं. इस बार के लोकसभा चुनाव में उनका सामना तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उम्मीदवार युसूफ पठान और भाजपा के डॉ. निर्मल साहा से है. हालांकि अधीर रंजन चौधरी का मानना है कि वो इस बार भी जीत हासिल कर रहे है. इसी बीच उन्होंने एक इंटरव्यू में बीजेपी पर निशाना साधा है और कहा कि इस बार बीजेपी को आसानी से जीत नहीं मिलेगी.तीन चरण के मतदान के बाद देश के राजनीतिक परिदृश्य को लेकर उन्होंने कहा, ये तेजी से बदल रहा है. पूरे देश में मोदी का प्रभाव कम हो रहा है. दिन प्रति दिन, चरण-दर-चरण अब प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती मिल रही है. वो भी अब नहीं कह सकते हैं कि इस बार जीत हासिल करना आसान है.प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘विपक्ष से मिल रही चुनौती से वो घबरा गए हैं. इसी वजह से कोई कुछ नहीं कह सकता है. इस बार पुलवामा या बालाकोट जैसा कोई भी मुद्दा नहीं हैं. उन्हें उम्मीद दी थी कि राम मंदिर एक बड़ा मुद्दा बनेगा, लेकिन उसका असर भी कम हुआ है.’उन्होंने आगे कहा, ‘मैं कोई कोई चुनाव विश्लेषक नहीं हूं लेकिन मैं देख सकता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी अब उतने सहज नहीं है, जितना पहले हुआ करते थे.’ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया था कि अधीर रंजन चौधरी की वजह से बंगाल में INDIA गठबधन बन सका था. इस पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “मैं ममता बनर्जी की हिंसा की राजनीति से लड़ रहा हूं, जिसका उद्देश्य बंगाल में कांग्रेस को खत्म करना है. पिछले कुछ वर्षों से हम अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं. मेरी पार्टी को बंगाल में जीवित रखने के लिए, मुझे उनके खिलाफ मोर्चा लेना पड़ा. मेरा रुख नहीं बदला हैं।

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