शिक्षा विभाग के फैसले से एक बार फिर मचा हड़कंप,बिहार के स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को नौकरी से हटाने का जारी हुआ फरमान

 शिक्षा विभाग के फैसले से एक बार फिर मचा हड़कंप,बिहार के स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को नौकरी से हटाने का जारी हुआ फरमान
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बिहार के सरकारी स्कूलों को अब अतिथि शिक्षकों की जरूरत नहीं है. शिक्षा विभाग ने उच्च माध्यमिक स्कूलों में कार्यरत हजारों शिक्षकों को नौकरी से हटाने का फरमान सुनाया है. 31 मार्च 2024 के बाद 4257 अतिथि शिक्षक उच्च माध्यमिक स्कूलों से बाहर हो जायेंगे. माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी किया है.शनिवार को जारी पत्र में कहा गया है कि 1 अप्रैल से अतिथि शिक्षकों की सेवा किसी भी परिस्थिति में नहीं ली जाये. जिला शिक्षा पदाधिकारियों को अतिथि शिक्षकों के सेवा में नहीं होने का प्रमाण पत्र भी शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराना होगा.बता दें कि अतिथि शिक्षक 6 वर्षों से राज्य के विभिन्न उच्च माध्यमिक स्कूलों में सेवा दे रहे थे. शिक्षा विभाग के फैसले से अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो जायेंगे. अब नए सिरे से नौकरी की तलाश में दर दर की ठोकरें खानी होंगी. शिक्षा विभाग का पत्र सामने आने के बाद अतिथि शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ.चिंता की लकीरें माथे पर साफ दिखाई दे रही हैं. 6 साल पहले शिक्षा विभाग ने स्कूलों में निर्धारित पारिश्रमिक पर अतिथि शिक्षकों की सेवा लेने का फैसला लिया था.अब अतिथि शिक्षकों की सेवा को मात्र एक दिन बचा है. 31 मार्च के बाद उच्च माध्यमिक स्कूलों में अतिथि शिक्षक बच्चों को नहीं पढ़ा सकेंगे. हाल के दिनों में बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की तरफ से बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली हुयी है.कक्षा 9वीं-10वीं के लिए 37847 और कक्षा 11वीं-12वीं के लिए 56891 उच्च माध्यमिक स्कूलों में कुल 94738 शिक्षकों की नियुक्ति कर योगदान करा दिया गया है. शिक्षा विभाग की दलील है कि इसलिए अब अतिथि शिक्षकों की जरूरत नहीं है.

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