देश को नए संसद भवन की जरूरत,विपक्ष मुझे अछूत समझता है: ओवैसी

 देश को नए संसद भवन की जरूरत,विपक्ष मुझे अछूत समझता है: ओवैसी
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नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर विपक्षी दलों की ओर से मचे घमासान के बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि देश को इसकी जरूरत थी. वहीं, कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर ओवैसी ने कहा कि अगर स्पीकर उद्घाटन करेंगे तो मैं जाऊंगा अन्यथा नहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नए भवन का उद्घाटन नहीं करना चाहिए. जहां तक विपक्ष की बात है तो उन्होंने मुझसे संपर्क नहीं किया. उनकी नजरों में हम अछूत हैं.उन्होंने कहा, अगर प्रधानमंत्री हमारी बात को मानते हैं तो मैं कार्यक्रम में जाऊंगा अन्यथा नहीं. उन्होंने कहा कि नए संसद भवन की जरूरत है इसको कोई भी अस्वीकार नहीं कर सकता है. पीएम को इसका उद्घाटन इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि यह शक्ति के विभाजन के सिद्धांत के खिलाफ है. स्पीकर संसद का अभिरक्षक होता है इसलिए उद्घाटन उसे ही करना चाहिए. वही दूसरी तरफ बता दें कि पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के बायकॉट के ऐलान के बाद अब खबर सामने आ रही है कि कांग्रेस भी 28 मई को आयोजित होने वाली नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से किनारा कर सकती है. सूत्रों के हवाले से खबर सामने आ रही है कि पार्टी के नेता अंदर खाने इस पर चर्चा कर रहे हैं और जल्द ही इस पर कोई आखिरी फैसला लिया जा सकता है. हालांकि पार्टी की ओर से फिलहाल कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं दी गई है.कांग्रेस नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के कार्यक्रम को बायकॉट कर सकती है. अगर ऐसा हुआ तो उद्घाटन समारोह में कोई भी कांग्रेस नेता दिखाई नहीं देगा. विपक्षी पार्टी के कई नेता उद्घाटन की घोषणा के बाद से ही केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बना रहे हैं. वही दूसरी ओर बता दें कि इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करेंगे. संसद के नए भवन का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को पीएम मोदी से भेंट की है. साथ ही उनसे इस भवन का लोकार्पण करने का आग्रह किया है।तथा राज्यसभा, दोनों सदनों ने 5 अगस्त 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था. इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था. वही आपको बताते चले कि संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है. चार मंजिला संसद भवन में 1224 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है.अब संसद का नवनिर्मित भवन भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों को और अधिक समृद्ध करने का कार्य करेगा. साथ ही अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस भवन में सदस्यों को अपने कार्यों को और बेहतर तरीके से करने में भी सहायता मिलेगी.

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