नागपुर मामले में बीजेपी सरकार को कांग्रेस नेत्री ने ठहराई जिम्मेदार,बोली-इनके भाषण के वजह से बिगड़ा है माहौल

 नागपुर मामले में बीजेपी सरकार को कांग्रेस नेत्री ने ठहराई जिम्मेदार,बोली-इनके भाषण के वजह से बिगड़ा है माहौल
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कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास होम मिनिस्ट्री है और वे सांप्रदायिक हिंसा के लिए छावा फिल्म को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. सुप्रिया ने कहा कि यदि ऐसा है, तो क्या सीएम झुनझना बजाने के लिए सत्ता में बैठे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं के नफरती भाषण की वजह से माहौल बिगड़ा है।विधानसभा में प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने कहा कि इस घटना के लिए फिल्म छावा जिम्मेदार है. उनके अनुसार छावा फिल्म की वजह से लोगों में औरंगजेब के प्रति गुस्सा को भड़का दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा की शुरुआत एक अफवाह की वजह से हुई. इस अफवाह में यह कहा गया था कि एक प्रतीकात्मक कब्र पर रखी चादर पर धार्मिक चिन्ह था, जिसे जलाया गया. इस अफवाह के बाद ही दोनों पक्षों में गुस्सा भड़का. कुछ लोगों ने पत्थरबाजी और तोड़फोड़ की।महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर भाजपा को हरे रंग से दिक्कत है तो वह अपने झंडे से इस रंग को हटा दे. उन्होंने कहा कि हिंसा की साजिश किसने रची, सरकार जल्द बताए. उद्धव ने कहा कि औरंगजेब तो 400 साल पहले आया था और इतनी पुरानी बात निकालना चाहते हैं तो निकालिए, उसका कब्र भी उखाड़ दीजिए, लेकिन इससे पहले आप चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को भी जरूर बुलाइए।आपको बता दें कि फिल्म छावा 14 फरवरी को रिलीज हुई थी. फिल्म संभाजी महाराज पर आधारित है.

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इस फिल्म के रिलीज होने के बाद से ही अलग-अलग मीडिया प्लेटफॉर्म पर औरंगजेब के क्रूर शासन को लेकर बहस तेज हो गई. संभाजी महाराज के साथ औरंगजेब ने कितनी नृशंसता की, फिल्म में इसे प्रमुखता से दिखाया गया है।इसी बीच सपा नेता अबु आजमी का एक बयान सामने आया. उन्होंने औरंगजेब की प्रशंसा में कुछ बातें कहीं. उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने यूं ही 52 सालों तक शासन नहीं किया, यदि वह हिंदुओं को मुसलमान ही बनाता रहता तो कल्पना कीजिए कि कितने हिंदुओं का धर्म परिवर्तन हो गया होता. उन्होंने यह भी कहा कि उस समय की परिस्थिति ऐसी थी कि सत्ता और संपत्ति हासिल करने के लिए संघर्ष हुआ करता था।अबु आजमी के बयान से इतना अधिक गुस्सा भड़का कि उन्हें माफी मांगनी पड़ गई. इसके बावजूद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. उन्हें विधानसभा से निलंबित कर दिया गया।

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