चिराग पासवान का आया बड़ा बयान,गरीब मुसलमानों को भी मिलना चाहिए बराबरी का हक

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, ‘विपक्ष के सदस्य JPC में मौजूद हैं। अपनी बात रखने का मौका भी विपक्ष को दिया गया। विपक्ष के कई नेता ऐसे हैं, जो यह माहौल बनाना चाहते हैं कि यह वक्फ संशोधन विधेयक मुसलमानों के खिलाफ है। हमारी सरकार की सोच है कि गरीब मुसलमानों को भी बराबरी का हक मिलना चाहिए।’टीएमसी सांसदों ने गुरुवार को आरोप लगाया कि सरकार नकली वोटर आईडी नंबर के मुद्दे पर संसद में चर्चा को नजरअंदाज कर रही है। टीएमसी सांसदों ने कहा कि लोकतंत्र के लिहाज से यह मुद्दा बेहद अहम है। संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए, राज्यसभा में टीएमसी की उपनेता सागरिका घोष ने कहा कि उनकी पार्टी के साथ-साथ कई अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए नोटिस दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मामला है जिस पर संसद द्वारा चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से, हम नकली ईपीआईसी कार्ड के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए नोटिस दे रहे हैं। सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि वे चर्चा की अनुमति देंगे। अध्यक्ष ने हमें आश्वासन दिया है कि वे चर्चा की अनुमति देंगे, लेकिन हर दिन, किसी न किसी बहाने से, इस चर्चा की अनुमति नहीं दी जाती है’। उन्होंने कहा कि यह निष्पक्ष चुनाव का मामला है, जो प्रत्येक मतदाता, नागरिक और पूरे देश से संबंधित है। गुरुवार को सांसद मोहम्मद नदीमुल हक, सागरिका घोष, डोला सेन, रीताब्रत बनर्जी और साकेत गोखले ने नियम 267 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए नोटिस दिए थे।लोकसभा ने गुरुवार को दो विधेयकों को मंजूरी दे दी। इनमें तकनीकी संशोधन किए गए हैं।

इन विधेयकों को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई है। इनमें आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 और रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 को पिछले साल लोकसभा ने पारित किया था। इसके बाद इन्हें मंजूरी के लिए राज्यसभा भेजा गया था।दोनों विधेयकों के अधिनियमन के फॉर्मूले में 75वें वर्ष की जगह 76वां वर्ष रखा गया है। निचले सदन की तरफ से मंजूर किए गए संशोधन स्वतंत्रता के बाद के वर्ष से संबंधित हैं। ये कानून लोकसभा की तरफ से पारित किए जाने के एक साल बाद लागू होंगे। जब ये विधेयक कानून बन जाएंगे, तो इनके नाम के आगे 2024 की जगह 2025 वर्ष लिखा जाएगा।