मायावती को घेरने के लिए बीजेपी ने बनाया ‘कांशीराम प्लान’,2 नवंबर को लखनऊ में आयोजित होगी दलित महासम्मेलन
कुछ दिनों पहले मायावती ने बीएसपी के वोटर्स से एक अपील की थी. उन्होंने कहा था कि दलित समाज के लोग या तो वोट न करें या फिर नोटा में वोट डाल दें. घोसी उप चुनाव के लिए बीएसपी की बॉस मायावती की ये अपील उनके ही समर्थकों ने ठुकरा दी. ये बीएसपी के लिए खतरे की बड़ी घंटी है. यहीं से समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी के लिए उम्मीदों का एक नया रास्ता खुल गया है. ये रास्ता है मायावती के दलित वोट बैंक में सेंध लगाने का।लोकसभा के चुनाव सर पर हैं. सबको पता है जो यूपी की बाज़ी जीतेगा वहीं दिल्ली पर राज करेगा. यूपी में लोकसभा की 80 सीटों के लिए दलित वोटरों को अपना बनाने के लिए सबने अपनी-अपनी रणनीति तैयार कर ली है. कमाल की बात ये है कि बीजेपी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने दलित वोट के लिए कांशीराम वाली प्लानिंग की है।
कांशीराम ने ही बीएसपी बनाई थी।सबसे पहले बात करते हैं यूपी की सबसे ताकतवर पार्टी बीजेपी की. पिछले दो दिनों से पार्टी के सभी सांसद, विधायक, संगठन के पदाधिकारी और बाकी जिम्मेदार नेता दलित जोड़ों अभियान पर मंथन कर रहे हैं. पार्टी की रणनीति के दो फार्मूले हैं. लोकसभा की 17 सुरक्षित सीटों के लिए अलग तैयारी और बाकी 63 सीटों के लिए दूसरी तरह की योजना. पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर दलित समाज के लोगों को जोड़ने की योजना बनाई गई है।दलितों को अपना बनाने के लिए अगले लोकसभा चुनाव तक की पूरी प्लानिंग बीजेपी ने तैयार कर ली है. तय हुआ है कि यूपी के कुछ शहरों में ऐसी रैली की जाए, जिससे देश भर में संदेश जाए. सूत्रों की मानें तो 2 नवंबर को लखनऊ में दलित महा सम्मेलन किया जाएगा, जिसमें देश के गृह मंत्री अमित शाह को बुलाया जाएगा. पश्चिमी यूपी में ऐसा ही एक सम्मेलन 15 अक्टूबर को करने की तैयारी है. पार्टी की कोशिश है कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नाड्डा इसमें शामिल हों. पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में दलित सम्मेलन 26 अक्टूबर को होगा।