तेजस्वी के साथ सरकार में आते हीं बालू के खेल पर नीतीश ने साध ली चुप्पी,अवैध खनन पर नहीं लग पा रही है लगाम
2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से बिहार सरकार के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत बालू है. कोई भी निर्माण कार्य बिना बालू के संभव नहीं हैं. 15 अक्तूबर 2023 से बिहार सरकार ने पटना समेत 10 जिलों में वैध बालू खनन की अनुमति दे रखी है, लेकिन इन सब के बीच पूरे सूबे में अवैध बालू खनन जारी है. बालू माफियाओं द्वारा अवैध बालू की तस्करी की जा रही है. इन सब पर लगाम लगाने के लिए सख्त नियम कानून बनाए गए हैं, लेकिन नियम कानून जमीन पर सफल होते नहीं दिख रहे हैं. खनन विभाग के अधिकारी-पुलिस की टीम बालू माफियाओं को पकड़ने व छापेमारी करने जाती है तो बालू माफिया इन लोगों की पिटाई कर देते हैं. बालू माफिया अब पुलिस वालों की हत्या भी कर रहे हैं।जमुई में बालू माफिया ने ट्रैक्टर से रौंदकर एक दरोगा की हत्या कर दी. अवैध खनन में पूरे बिहार में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही है. निरंतर आरोप लगता रहता है कि जिला खनन पदाधिकारियों व पुलिस वालों की बालू माफियाओं से मिली भगत रहती है।
वैसे कुछ ऐसे भी पुलिस वाले हैं जो अवैध बालू खनन पर रोक लगाने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं. पटना के नेऊरा थाना के आगे अवैध बालू लदे कई ट्रैक्टर-ट्रक खड़े हैं. इनको जब्त किया गया है।बिहार के खान व भूतत्व मंत्री रामानंद यादव ने बुधवार को कहा कि अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए हम लोग लगातार प्रायसरत हैं. जिन बालू घाटों की नीलामी नहीं हुई उनकी नीलामी होगी. खान भूतत्व विभाग ने बालू के अवैध खनन-बिक्री-ढुलाई से राज्य सरकार को होने वाले राजस्व की हानि को रोकने के लिए विशेष तैयारी की है. निगरानी के लिए बालू घाटों पर ड्रोन की मदद ली जाएगी. बालू ढोने वाली गाड़ियों का निबंधन करवा कर उसमें GPS लगाने, बालू के वजन के लिए घाटों पर धर्मकांटा लगाने, चेक पोस्ट बनाने, चालान काउंटर व चेकपोस्ट पर सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया गया है।