जाति के आधार पर सभी दल कर रही है राजनीति,वो भी कैसे जानिए पूरी खबर?
बिहार के चुनाव प्रचार में बीजेपी ने स्टार कैंपेनर्स की कॉरपेट बॉम्बिंग कर दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जैसे तमाम नेताओं की रैलियां हुई। नीतीश कुमार की भी जनसभाएं हुईं। लेकिन महागठबंधन की तरफ से अकेले तेस्जवी यादव ही मैदान में दिखाई दिए। मोदी ने प्रचार के पहले ही दिन विपक्ष के खिलाफ सारे चुनावी अस्त्र चला दिए, महागठबंधन को लठबंधन बताया, कहा महागठबंधन चारा चोरों, नौकरी चोरों, ज़मानत पर घूम रहे अपराधियों की जमात है, ये जमात जनता का नहीं, सिर्फ अपना और अपने परिवार का भला कर सकती है, इसलिए जंगलराज वालों को सत्ता से दूर रखने में ही बिहार की भलाई है।

अमित शाह ने कहा कि अब बिहार बदल चुका है, सैकड़ों शहाबुद्दीन भी आ जाएं तो किसी का बाल भी बांका नहीं कर सकते। दूसरी तरफ महागठबंध के लिए नई मुसीबत सामने आ गई। मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री का दावेदार घोषित किया गया तो अब दूसरी जातियों के लोग पूछ रहे हैं, उनकी जाति का उपमुख्यमंत्री क्यों नहीं बनेगा? ओवैसी की पार्टी ने कहा कि अगर दो परसेंट आबादी वाला डिप्टी चीफ मिनिस्टर बनेगा, तो मुसलमान क्या सिर्फ दरी बिछाने के लिए हैं? तेजस्वी ने इन सवालों के जबाव दिए, NDA के नेताओं के हमलों पर पलटवार किया। कांग्रेस को पच्चीस साल के बाद सीताराम केसरी की याद आई। मोदी कर्पूरी ठाकुर के घर गए।मोदी ने महागठबंधन के खिलाफ तीसरे हथियार का इस्तेमाल किया, भ्रष्टाचार और जंगलराज की बात की। कहा कि महागठबंधन “चोरों की जमात है, बिहार का सबसे भ्रष्ट लालू परिवार और देश के सबसे भ्रष्ट गांधी परिवार ने हाथ मिलाया है, ऐसे भ्रष्ट लोग न देश का भला कर सकते हैं, न बिहार का।” तेजस्वी यादव ने सहरसा, मुजफ्फरपुर, उजियारपुर और दरभंगा में चुनाव सभाएं की। तेजस्वी ने जब पटना से उड़ान भरी तो उन्होंने हैलीकॉप्टर में तीन और नेताओं को बैठाया। इसकी फोटो भी जारी की। तेजस्वी के बगल में निषाद समाज के मुकेश सहनी, सामने वाली सीट पर अति पिछड़ा वर्ग से Indian Inclusive Party के अध्यक्ष आई पी गुप्ता और गुप्ता जी के बगल में गोल टोपी लगाकर बैठे RJD के कारी शोएब। वैसे तो RJD में सबसे बड़ा मुस्लिम चेहरा अब्दुल बारी सिद्दीकी को माना जाता है, लेकिन तेजस्वी यादव की नजर इस बार नौजवान वोटर्स पर है, इसलिए तेजस्वी के हैलीकॉप्टर में कारी शोएब जैसे युवा मुस्लिम नेता को जगह मिली।बिहार का कोई नेता खुलकर स्वीकार नहीं करता, लेकिन बिहार का चुनाव हर बार जाति के आधार पर लड़ा जाता है। इसीलिए नीतीश कुमार अब भी मुख्यमंत्री बने हुए हैं। इसीलिए अति पिछड़ों के नेता जननायक कर्पूरी ठाकुर का ज़िक्र आया। इसीलिए कांग्रेस को सीताराम केसरी की याद आई। इसीलिए तेजस्वी यादव ने मुकेश सहनी औऱ आईपी गुप्ता को हेलीकॉप्टर में बिठाकर तस्वीरें खिंचवाई। एक फर्क ज़रूर आया है कि अब RJD और कांग्रेस जैसी पार्टियां खुलकर मुसलमानों की हिमायत नहीं करती। इन पार्टियों के नेता मानकर चलते हैं मुसलमान बीजेपी वाले खेमे में जा नहीं सकते, मज़बूरी में हमारे साथ आएंगे लेकिन ओवैसी ने मुसलमानों के बीच एक चिंगारी छोड़ दी है। वो पूछते हैं कि 2 परसेंट जाति वाला डिप्टी चीफ मिनिस्टर पद का दावा करेगा और 18 परसेंट वाला अब्दुल दरी बिछाएगा, ये कब तक चलेगा? ऐसी चुभने वाली बातों का अच्छा खासा असर होता है।
