गैर राजपूतों सवर्णों को जोड़ेंगे अखिलेश यादव,ब्राह्मणों के साथ सपा ने बना ली नई रणनीति

अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी ऑफिस पहुंचे.कुछ ब्राह्मण नेता वहां पहले से मौजूद थे. अखिलेश के पहुंचते ही सब उठ खड़े हुए. एक-दूसरे का अभिवादन किया. अखिलेश ने पूछा कैसे आना हुआ आप लोगों का. जवाब कुशल तिवारी ने दिया. उन्होंने कहा- आप मदद नहीं करेंगे तो हम बर्बाद हो जाएंगे. इसी दौरान अखिलेश यादव ने अपने सहयोगी को एक नेता को फोन लगाने को कहा.थोड़ी ही देर बाद माता प्रसाद पांडे भी बैठक में पहुंच गए. मीटिंग करीब घंटेभर चली।अखिलेश यादव की कोशिश इस बार यूपी में 90 बनाम 10 की लड़ाई की है. वे इसी फार्मूले से यूपी चुनाव जीतने की रणनीति बना रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का नारा 85 बनाम 15 का था. पार्टी ने सीटों की संख्या तो बढ़ा ली पर सत्ता से बहुत दूर रहे. उस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जाति आधारित कुछ छोटी पार्टियों से गठबंधन किया था. फार्मुला ये था कि इसी बहाने कुछ पिछड़ी जातियों का वोट मिल जाएगा, पर ऐसा नहीं हुआ.

बीते लोकसभा चुनाव में PDA फार्मुला से अखिलेश यादव की लॉटरी निकल गईं. बीजेपी और कांग्रेस के बाद समाजवादी पार्टी देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई।राणा सांगा पर रामजी लाल सुमन के बयान के बाद से ही यूपी में सियासी घमासान मचा है. करणी सेना समेत तमाम क्षत्रिय संगठन विरोध में सड़क पर उतर आए हैं. इसी बहाने अखिलेश यादव अब गैर ठाकुर सवर्णों को जोड़ने में जुट गए हैं. इसी दौरान एक और घटना घट गई. पार्टी के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की गिरफ्तारी हो गई. वे पूर्वांचल के बाहुबली नेता रहे हरि शंकर तिवारी के बेटे हैं. मुलायम सिंह से लेकर मायावती और राजनाथ सिंह की सरकार में हरि शंकर मंत्री रहे. उनकी गिनती ब्राह्मणों के बड़े नेता में होती थी. उनके बेटे विनय पर बैंकों से हेराफेरी कर करीब सात सौ करोड़ हड़पने के आरोप है. इस मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया है।