अल-फलाह यूनिवर्सिटी मामले में आया मौलाना अरशद मदनी का बयान,लगाया भेदभाव का आरोप!

 अल-फलाह यूनिवर्सिटी मामले में आया मौलाना अरशद मदनी का बयान,लगाया भेदभाव का आरोप!
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भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रेसिडेंट मौलाना अरशद मदनी के बयान की कड़ी आलोचना की है. दरअसल, मदनी ने भारत में मुसलमानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया था. बीजेपी ने मदनी के बयानों को ‘गुमराह करने वाला‘ बताया है. खासतौर पर इस समय जब देश में दिल्ली ब्लास्ट को लेकर अल-फलाह यूनिवर्सिटी समेत कई राज्यों में जांच की जा रही है.BJP नेता यासर जिलानी ने मदनी के बयान का जवाब देते हुए कहा कि मदनी की टिप्पणियों ने केंद्र सरकार के सबको साथ लेकर चलने वाले प्रयासों को नज़रअंदाज़ किया है. इनका बयान मुस्लिम समुदाय के बीच ‘बेवजह भ्रम‘ पैदा करने की कोशिश मात्र है.

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मदनी की तरफ से दावा किया गया था कि सरकार यह पक्का कर रही है कि मुसलमान ‘कभी सिर न उठाएं‘. इस पर जिलानी ने कहा कि मुसलमानों के लिए भारत से बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती और न ही हिंदुओं से बेहतर कोई बड़ा भाई हो सकता है.मदनी के भाषण में विरोधाभासों का असर जताते हुए जिलानी ने कहा कि एक तरफ, वह कहते हैं कि दुनिया में मुसलमानों की हालत अच्छी नहीं है और दूसरी तरफ, वह ज़ोहरान ममदानी के न्यूयॉर्क के मेयर-इलेक्ट बनने की बात करते हैं. उन्होंने लंदन के मेयर सादिक खान का भी ज़िक्र किया और आज़म खान और अल-फ़लाह यूनिवर्सिटी के बारे में भी बात की. बीजेपी नेता जिलानी ने कहा कि आज़म खान और अल-फ़लाह यूनिवर्सिटी के मालिक से जुड़े मामले कानूनी उल्लंघनों से जुड़े थे.बीजेपी नेता जिलानी ने कहा कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी का मालिक एक अपराधी है. आजम खान भी कई अपराधों में शामिल हैं. केंद्र सरकार सबको साथ लेकर चल रही है. उन्हें देश के लोगों में कन्फ्यूजन नहीं फैलाना चाहिए. मदनी ने पहले दावा किया था कि भारत में मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है. विदेशों में नेताओं के टॉप पदों पर पहुंचने के उदाहरण भी दिए थे साथ ही कहा कि जो लोग भारत में ऐसे पद हासिल करते हैं, वे जेल में चले जाते हैं.उनके बयानों पर BJP ने उन पर डर और बंटवारा फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. BJP नेता मोहसिन रजा ने कहा कि मदनी और उनके परिवार ने देश के मुसलमानों को लूटा है और ब्लेम-गेम की पॉलिटिक्स की है. यह उनका दोहरा चरित्र बहुत लंबे समय से रहा है. वे सालों तक मुस्लिम माइनॉरिटीज़ के नाम पर ग्रांट लेते रहे, लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया.

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