राज्यसभा सांसद मनोज झा की बढ़ी टेंशन तो BJP की मौज आई सामने,जानिए क्या है पूरी खबर?
मनोज झा की गिनती RJD के सबसे प्रबुद्ध नेताओं में होती है. राज्यसभा में उनके दिए भाषण अक्सर वायरल होते रहते हैं. मगर बिहार विधानसभा चुनाव में हार ने सारा गणित बदल दिया है. 2030 तक आरजेडी मुक्त राज्यसभा हो सकती है. मतलब लालटेन छाप वाले राज्यसभा में इसके बाद शायद ही दिखें. ऐसे में कई तरह की मुसीबतों में फंसे तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय राजनीति में ताकत बेहद कमजोर हो जाएगी. वहीं सौ का आंकड़ा पार कर चुकी बीजेपी और मजबूत होगी.बिहार की भारी पराजय के कारण आरजेडी का ऊपरी सदन में सफाया तय दिख रहा है. एनडीए को इसका काफी लाभ मिलना तय है. अभी महागठबंधन के बिहार की 16 राज्य सभासीटों में से 6 सांसद हैं. इनमें आरजेडी के पांच और कांग्रेस के एक सांसद हैं.

अगले साल अप्रैल में बिहार की पांच राज्यसभा सीटों पर चुनाव होगा. आरजेडी के दो सांसदों प्रेमचंद्र गुप्ता और ए डी सिंह का कार्यकाल अगले साल अप्रैल में समाप्त हो रहा है, जबकि जेडीयू के हरिवंश और रामनाथ ठाकुर तथा आरएलएम के उपेंद्र कुशवाहा का कार्यकाल भी समाप्त होगा. इन पांचों सीटों पर एनडीए की जीत तय मानी जा रही है, क्योंकि अंकगणित उसके साथ है.बिहार से एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 41 विधायक चाहिए, जबकि महागठबंधन के पास केवल 35 विधायक ही हैं. इसी तरह जुलाई 2028 में फिर से पांच सीटों पर चुनाव होगा. उस समय आरजेडी के फयाज अहमद, बीजेपी के सतीश चंद्र दुबे, मनन कुमार मिश्रा और शंभू शरण पटेल और जेडीयू के खीरू महतो रिटायर होंगे. बिहार से राज्यसभा का अगला चुनाव 2030 में होगा. तब बीजेपी की धर्मशिला गुप्ता और भीम सिंह, जेडीयू के संजय कुमार झा, आरजेडी के संजय यादव और मनोज कुमार झा और कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह का कार्यकाल समाप्त होगा. केवल 25 विधायकों के साथ आरजेडी इनमें से किसी भी चुनाव में अपने उम्मीदवार को जिताने की स्थिति में नहीं रहेगी. महागठबंधन के उम्मीदवार की जीत केवल उसी सूरत में तय है जब ओवैसी की एआईएमआईएम के पांच विधायक और बीएसपी का एक विधायक उसका साथ दे. पिछली बार तेजस्वी यादव ने ओवैसी के पांच में से चार विधायक तोड़ लिए थे, लेकिन ओवैसी ने इस बार उन्हीं पांचों सीटों को दोबारा जीत कर बड़ा संदेश दिया है और यह उन विधायकों के लिए भी बड़ा संदेश है, जो इस बार उनकी पार्टी से जीत कर आए हैं. दूसरी ओर राज्यसभा में बिहार की अधिकांश सीटों पर एनडीए की जीत 2030 तक बीजेपी की स्थिति बहुत मजबूत कर देगी. हालांकि उससे पहले कई बड़े राज्यों जैसे कि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेष, मध्य प्रदेश, राजस्थान आदि के विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन यह कहा जा सकता है कि राज्य सभा में पहले ही सौ का आंकड़ा पार कर चुकी बीजेपी ऊपरी सदन में अपनी सबसे बेहतर स्थिति को और मजबूत करेगी. राज्यसभा में एनडीए की मजबूती उसे कई ऐसे विधेयक पारित कराने में मदद देगी, जिनके लिए फिलहाल उसके पास नंबर नहीं हैं.
