पटना एयरपोर्ट पर तेज प्रताप और रवि किशन की मुलाकात ने बढ़ाई सियासी तूफान
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच शुक्रवार (10 नवंबर) को पटना हवाई अड्डे पर एक अनोखा नजारा देखने को मिला. जनशक्ति जनता दल के संस्थापक तेज प्रताप यादव और बीजेपी के सांसद व अभिनेता रवि किशन एक साथ दिखाई दिए. दोनों नेताओं की अचानक हुई यह मुलाकात राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का नया दौर शुरू कर गई है.सूत्रों के मुताबिक, तेज प्रताप यादव गया जिले में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार कर लौट रहे थे, जबकि रवि किशन पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिलों में बीजेपी की सभाओं को संबोधित करने के बाद पटना लौटे थे. जैसे ही दोनों नेता एयरपोर्ट के बाहर निकले, मीडिया ने उन्हें बातचीत करते हुए देख लिया और सवालों की बौछार शुरू हो गई.पत्रकारों ने जब तेज प्रताप से पूछा कि क्या यह मुलाकात किसी नए राजनीतिक समीकरण का संकेत है, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि मैं रवि किशन से पहली बार मिल रहा हूं.

हम दोनों भगवान शिव के भक्त हैं, इसलिए हमारे माथे पर तिलक है, इसमें कुछ भी खास नहीं है. हालांकि, उनके इस बयान ने राजनीतिक अटकलों को थामने के बजाय और हवा दे दी.जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या भविष्य में वे बीजेपी के साथ जा सकते हैं, तो महुआ से चुनाव लड़ रहे तेज प्रताप ने साफ जवाब देने से परहेज किया. उन्होंने कहा कि मैं उसी के साथ रहूंगा जो बेरोजगारी दूर करेगा. उनके इस बयान को कई राजनीतिक विश्लेषक संभावित संकेत के रूप में देख रहे हैं.वहीं, जब एक पत्रकार ने रवि किशन से पूछा कि बीजेपी के कुछ वरिष्ठ नेता तेज प्रताप की प्रशंसा क्यों कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि उनका दिल ही ऐसा है जो लोगों का प्यार जीत रहा है. रवि किशन ने आगे कहा कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं होता. बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा भोलेनाथ के उन भक्तों के लिए दरवाजे खुले रखते हैं, जो निःस्वार्थ भाव से सेवा करना चाहते हैं न कि व्यक्तिगत स्वार्थ से राजनीति करते हैं.इस मुलाकात ने बिहार की चुनावी राजनीति में नए कयासों को जन्म दे दिया है. क्या यह सिर्फ संयोग था या आने वाले समय में कोई बड़ा राजनीतिक गठजोड़ बनने की शुरुआत. इसका जवाब तो वक्त ही देगा, लेकिन इतना तय है कि तेजप्रताप और रवि किशन की यह एयरपोर्ट मुलाकात बिहार की सियासत में नई हलचल जरूर पैदा कर गई है.
