महागठबंधन में 11 सीटों का क्या होगा,आमने-सामने है प्रत्याशी
बिहार चुनाव में महागठबंधन सीएम, डिप्टी सीएम के ऐलान के बाद संयुक्त घोषणपत्र भी जारी हो चुका है. अब बड़े नेताओं की ताबड़तोड़ सभाओं का दौर शुरू हो रहा है. अब कांग्रेस की तरफ से कोशिश की गई है कि, फ्रेंडली फाइट वाली 11 सीटों पर उसके बड़े केंद्रीय नेता प्रचार न करने जाएं.इन सीटों में राजद, सीपीआई, माले और मुकेश सहनी से फ्रेंडली फाइट वाली 9 सीटों है शामिल हैं. दरअसल, बिहार में राहुल 12, खरगे 3 और प्रियंका 7 यानी कुल 22 रैलियां करने वाले हैं. लेकिन राहुल और खरगे किसी भी फ्रेंडली फाइट वाली सीट पर पार्टी उम्मीदवार का प्रचार नहीं करेंगे.वहीं 7 सीटों पर रैली करने वाली प्रियंका सीपीआई और आईपी गुप्ता की पार्टी वाली एक-एक सीट पर प्रचार करेंगीं.

हालांकि, इसके लिए भी पार्टी ने विशेष हालात का हवाला देते हुए तर्क रखा है.बछवाड़ा पर गठबंधना दल CPI के खिलाफ प्रचार करेंगी प्रियंकाआजादी के बाद से परंपरागत रूप से यहां CPI-कांग्रेस आमने-सामने रहे हैं. 17 चुनाव में 7 बार कांग्रेस और 5 बार CPI जीती है. 7 में से 6 बार कांग्रेस से रामदेव राय जीते, जिनके पुत्र शिव शक्ति गरीब दास पर कांग्रेस ने दांव लगाया है. इस सीट को कांग्रेस केरल की सियासत की तरह देख रही है, जहां लेफ्ट-कांग्रेस आमने सामने होते हैं. इसलिए वायनाड से सीपीआई को हराकर जीतीं प्रियंका को ये ज़िम्मा मिला है.इस सीट पर कांग्रेस और आईपी गुप्ता की पार्टी के बीच फ्रेंडली फाइट है. दरअसल, आईपी गुप्ता 4 सीटों की मांग पर अड़े थे, लेकिन उनको दो सीट ही मिलीं. बाकी दो सीटें कांग्रेस अपने कोटे से देने को राजी नहीं थी. आखिर में एक सीट पर दोनों फ्रेंडली फाइट को तैयार हो गए. आपसी समझ के बाद हुए इस फैसले के बाद यहां भी प्रियंका ही कांग्रेस प्रत्याशी के लिए प्रचार करेंगी.कुल मिलाकर चुनाव प्रचार की रणनीति में कांग्रेस की कोशिश है कि, महागठबंधन में कोई खटास न पैदा हो. इसीलिए प्रचार की शुरुआत राहुल-तेजस्वी की दो संयुक्त सभाओं से हो रही है जहां एक जगह कांग्रेस तो दूसरी जगह राजद प्रत्याशी है.
